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टेक्सस के ऊपर से गुजरा उल्कापिंड आसमान में फटा, NASA ने दिखाया कहां गिरे टुकड़े


बीते रविवार की रात 9 बजे उत्तरपूर्व टेक्सस में अचानक आसमान के ऊपर एक आग का गोला जैसा आता दिखा। टेक्सस, लुइजियाना, अरकंसॉ और ओकलाहोमा में सैकड़ों लोगों ने इस घटना को देखा। अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने संभावना जताई है कि यह किसी ऐस्टरॉइड से निकला उल्कापिंड का टुकड़ा हो सकता है। एजेंसी ने इसके टुकड़े गिरने की जगहों का मैप भी दिखाया है।
NASA Meteor Watch ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया है कि लोगों से मिली जानकारी और कैमरों में कैद घटना के फुटेज के मुताबिक यह उल्कापिंड टेक्सस हाइवे 11 के ऊपर सबसे पहले दिखा। यह उत्तरपूर्व की ओर 30 हजार मील प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ा और 59 मील ऊपरी वायुमंडली में सफर करता रहा। इसके बाद 27 मील की ऊंचाई पर यह फट गया।
NASA के मुताबिक यह एक चौथाई चांद के जितना चमक रहा था। इसका मतलब है कि यह 6 इंच डायमीटर से बड़ा था और इसका वजन 10 पाउंड के करीब रहा होगा। इसकी स्पीड से यह संकेत मिलता है किसी ऐस्टरॉइड के टुकड़े से यह आग का गोला निकला था। NASA ने इसके टुकड़े जहां-जहां गिरे हैं, उसका भी मैप शेयर किया है।
किसी वजह से ऐस्टरॉइड के टूटने पर उनका छोटा सा टुकड़ा उनसे अलग हो जाता है जिसे उल्कापिंड यानी meteroid कहते हैं। जब ये उल्कापिंड धरती के करीब पहुंचते हैं तो वायुमंडल के संपर्क में आने के साथ ये जल उठते हैं और हमें दिखाई देती एक रोशनी जो शूटिंग स्टार यानी टूटते तारे की तरह लगती है लेकिन ये वाकई में तारे नहीं होते।
किसी वजह से ऐस्टरॉइड के टूटने पर उनका छोटा सा टुकड़ा उनसे अलग हो जाता है जिसे उल्कापिंड यानी meteroid कहते हैं। जब ये उल्कापिंड धरती के करीब पहुंचते हैं तो वायुमंडल के संपर्क में आने के साथ ये जल उठते हैं और हमें दिखाई देती एक रोशनी जो शूटिंग स्टार यानी टूटते तारे की तरह लगती है लेकिन ये वाकई में तारे नहीं होते। जरूरी नहीं है कि हर उल्कापिंड धरती पर आते ही जल उठे। कुछ बड़े आकार के उल्कापिंड बिना जले धरती पर लैंड भी करते हैं और तब उन्हें meteorite कहा जाता है। NASA का जॉन्सन स्पेस सेंटर दुनिया के अलग-अलग कोनों में पाए गए meteorites का कलेक्शन रखता है और इन्हीं की स्टडी करके ऐस्टरॉइ़ड्स, planets और हमारे सोलर सिस्टम की परतें खोली जा जाती हैं।
इनकी संरचना के अलावा इनके कीमती होने की एक बड़ी वजह कलेक्टरों की दिलचस्पी। लोग इन्हें इकट्ठा करते हैं। खासकर इनके धरती पर पहुंचने की घटना अपने आप में किसी कहानी की तरह होती है जिसे लोग याद रखना चाहते हैं। दिलचस्प बात यह है कि ऐसे Meteorites की कीमत और भी ज्यादा होती है जिन्हें धरती पर गिरते हुए लोगों ने देखा हो या वे किसी चीज के ऊपर जाकर गिरे हों।
Meteorites ऐसे लोगों के लिए जिज्ञासा का कारण होते हैं जो स्पेस में दिलचस्पी रखते हैं। इनमें कई सारे राज छिपे होते हैं। इनकी उत्पत्ति से लेकर ये किस दिशा से आ रहे हैं, हर पहलू ब्रह्मांड के बारे में जानकारी दे सकता है। वैज्ञानिक इस बात की खोज के लिए meteorites का सहारा लेते हैं कि जीवन कैसे शुरू हुआ और क्या कहीं और भी जीवन की संभावना है। कभी इन पर धरती जैसे तत्व मिलने से धरती पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में अहम सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद जगती है तो कभी ब्रह्मांड के दूसरे हिस्सों में पाए जाने वाले तत्व।
ऐस्टरॉइड 16 Pysche पर कितनी दौलत है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि NASA ने इसके लिए एक रोबॉटिक मिशन प्लान किया है जिसके तहत उसका स्पेसक्राफ्ट वहां पहुंचने के बाद लोहे, निकल और सोने की खोज करेगा। फोर्ब्स मैगजीन के दावे के मुताबिक इस ऐस्टरॉइड में जितना धातु है वह पूरी दुनिया की इकॉनमी से कई गुना ज्यादा 10, 000 क्वॉड्रिलियन डॉलर (10,000,000,000,000,000,000 डॉलर) की कीमत का हो सकता है। इसके अंदर सिर्फ चट्टानें न होकर, धातुएं मौजूद हैं, इसलिए इसकी कीमत इतनी ज्यादा है। सैन ऐंटोनियो के साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट में प्लैनेटरी साइंटिस्ट डॉ. ट्रेसी बेकर, ‘हमने ऐसे meteorites मंगाए हैं जिनमें ज्यादातर धातु होती है लेकिन Psyche अनोखा है क्योंकि यह पूरी तरह लोहे और निकेल का बना हो सकता है।’
जरूरी नहीं है कि हर उल्कापिंड धरती पर आते ही जल उठे। कुछ बड़े आकार के उल्कापिंड बिना जले धरती पर लैंड भी करते हैं और तब उन्हें meteorite कहा जाता है। NASA का जॉन्सन स्पेस सेंटर दुनिया के अलग-अलग कोनों में पाए गए meteorites का कलेक्शन रखता है और इन्हीं की स्टडी करके ऐस्टरॉइ़ड्स, planets और हमारे सोलर सिस्टम की परतें खोली जा जाती हैं।