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बदले-बदले से नजर आ रहे हैं ट्रंप

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अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव की नजदीक आ रही तारीख के मद्देनजर और हिलेरी की स्थिति को देखते हुए रिपब्लिकन पार्टी के तेज तर्रार उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के स्वभाव में अंतर पाया जा रहा है। अब वे चंदा जुटाने के प्रयास में व्यस्त हो गए हैं। बूमबर्ग डॉट कॉम के साभार से जानकारी मिली है कि इस सिलेसिले में उन्होंने मैनहट्टन में अपने मित्रों, समर्थकों के साथ दोपहर के भोजन पर मुलाकात की। जिसमें मुूख्य रूप से देश में रीयल एस्टेट के दिग्गज कारोबारी भी शामिल हुए। इन कारोबारियों को उन्होंने अपना पुराना और निकटम दोस्त बताया। इनमें ऐसे लोग भी थे जो कभी ट्रंप के लिए काम करने वाली लॉ फर्म में कार्यरत थे, बाद में उन्होंने अपना कारोबार शुरू कर दिया। दूसरी ओर, ट्रंप यह भी मानते हैं कि इस अभियान के लिए उन्हें एक अरब डॉलर चंदे की जरुरत नहीं है। सवाल है कि फिर उन्होंने यह आयोजन क्यों किया। जबकि उनके पास पैसे की कमी नहीं है।

मीडिया पर भरोसा करने के बाद ट्रंप आम चुनाव में हिलेरी क्लिंटन के साथ मुकाबला करने के लिए चंदा जमा कर रहे हैं। वह रिपब्लिकन प्राइमरी चुनाव को हर हाल में जीतना चाहते हैं। उन्होंने पहले कैलिफोर्निया में भी चंदे के लिए ऐसा ही आयोजन किया था। आने वाले दिनों में उनकी योजना टैक्सास, न्यूयॉर्क और अन्य जगहों पर जाने की है। ट्रंप की प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन पिछले एक साल से भी अधिक समय से चंदे को एकत्रित कर रही हैं। उनकी सुपर इलेक्शन एक्शन कमेटी ने 5.7 मिलियन डॉलर के विज्ञापन दिए। इनका मकसद ट्रंप पर हमला करना था।

ट्रंप के समर्थन में कुछ समूह एडवांस में योजना बना रहे हैं। वे एक मिलियन या इससे अधिक चंदे स्वीकार करते हैं। लेकिन इनमें से कोई प्रभावी माध्यम नहीं है। इससे पहले ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में कुल एक अरब डॉलर खर्च होने की बात की थी। अब वे कहते हैं कि इससे आधी राशि भी एकत्रित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि उन्होंने फ्री मीडिया पर विश्वास करना शुरू कर दिया है।

रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े जिन लोगों को ट्रंप ने बुलाया था उनमें से कई ने 200,000 से 400,000 तक डॉलर का चंदा दिया। नई बात चली है कि इन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी को भी चंदा दिया था, लेकिन इस राशि का एक चौथाई। इन्हीं में से कुछ कारोबारियों ने 30 अप्रैल को समाप्त हो रहे अभियान में एक भी पैसा दान नहीं किया था। फोन कॉल और ई-मेल का जवाब तक नहीं दिया। पता चला कि ट्रंप के एक बड़े कारोबारी समर्थक ने रिपब्लिकन पार्टी के अन्य उम्मीदवार आहियो के गवर्नर जॉन कैसिच को चंदा दिया था।

फिलहाल ट्रंप ने बड़ी धनराशि पर ध्यान देना बंद कर दिया है। वे कहने लगे हैं कि उन्हें व्हाइट हाउस को जीतने के लिए एक अरब डॉलर से आधी राशि भी नहीं चाहिए। उन्होंने कहना शुरू कर दिया है कि वह स्वयं रियलटी टीवी की पर्सनेलिटी रह चुके हैं और मीडिया ने खुद उन्हें अपने यहां काफी जगह दी है। उनका पर्याप्त प्रचार हो चुका है इसलिए अब चुनाव अभियान के लिए चंदा एकत्र करने का कोई विशेष लक्ष्य नहीं है।

जुलाई में क्लीवलैंड में होने वाली नेशनल कन्वेंशन के मद्देनजर ट्रंप ने अहम फैसले किए हैं। इस संबंध में वह सहज तरीके से भाषण देंगे। वे उप राष्ट्रपति के नाम की घोषणा करते समय अनुशासन का पालन करेंगे। विवादों से बचने के लिए उनके अभियान से जुड़े लोगों ने आपस में विचार विमर्श कर लिया है कि किस संभावित नाम की घोषणा की जानी है। कुछ विज्ञापनदाताओं को चिंता है कि कहीं ट्रंप ट्विटर पर ही उसका नाम न दे दें।

हालांकि स्वयं डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं कि वे चार से पांच राजनीतिज्ञों में से किसी एक को चुनेंगे। उनमें उनकी अपनी ही पार्टी के प्रतिद्वंदी भी हो सकते हैं। उनके नाम की पुष्टि करने से उन्होंने इंकार कर दिया और कहा कि मेरे साथ कौन काम करना चाहेगा। ट्रंप के साथ उनकी ही पार्टी के ओहियो के गवर्नर जॉन कैसिच, टैक्सास के सीनेटर टेड क्रूज और न्यूजर्सीके गवर्नर क्रिस क्रिस्टी ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन सब पिछड़ गए थे।

ट्रंप की सूची में दो सैन्य अधिकारियों के नाम भी हैं। लेकिन वे बताते हैं कि वे इसकी संभावना कम है कि इन्हीं में से किसी को चुनें? क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा पर वह स्वयं बेहतर काम कर सकते हैं। अपनी विदेश नीति के कौशल का एक उदाहरण वह देते हैं कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानि नाटो ने आतंकवाद को पैदा किया है। यह बहुत पुराना हो गया है और आतंकवाद से सुरक्षा नहीं कर सकता। पोलिटको डॉट कॉम को दिए बयान में नाटो के एक अधिकारी ने ट्रंप के इस निष्कर्ष को गलत ठहराया और कहा कि इसका राष्र्ट्रपति चुनाव अभियान से कोई लेना देन नहीं है।

डोनाल्ड में अति आत्मविश्वास अभी बाकी है। उन्होंने साफ इंकार कर दिया है कि वह वॉल स्ट्रीट का अनुभव रखने वाले किसी बिजनेस एक्जीक्यूटिव को नहीं चुनने वाले। इसका कारण हे कि वह स्वयं उनसे बेहतर योग्यता रखते हैं। वह किसी ऐसे व्यक्ति पर विचार करेंगे जिसे वोटर और मीडिया पहचानते हों। पूर्व हाउस स्पीकर न्यूट गिंगरिच के बारे में पूछने पर उनकी प्रशंसा करते हैं कि वह बहुत बुद्धिमान हैं। लोगों से संपर्क करने की उनमें गजब की क्षमता है। गौरतलब है कि गिंगरिच का नाम पहले भी संभवितों में आ चुका है।

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