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अबॉर्शन पिल्‍स ले रहीं है तो पहले जान लें इसके साइड-इफेक्ट्स

गर्भवती होना एक महिला के लिए सबसे बड़ी खुशी होती है लेकिन जैसे ही वह सोचती है कि वो बच्चे के लिए तैयार नहीं है तो यह खुशी एक दुख में बदल जाती है। अनचाहे गर्भ को समाप्त करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, और ऐसा ही एक तरीका गर्भपात की गोलियां लेना है। अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए महिलाएं बिना डॉक्टर से सलाह लिए अबॉर्शन पिल्‍स तो ले लेती हैं लेकिन बता दें कि इनका सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे ना सिर्फ आगे मां बनने में परेशानी होती है बल्कि यह अन्य बीमारियों का कारण भी बनती हैं। अबॉर्शन पिल्‍स शॉर्ट टर्म और लॉन्‍ग टर्म दोनों ही तरह से सेहत पर प्रभाव डालती है। चलिए आपको बताते हैं कि अबॉर्शन पिल्‍स लेने से आपको क्या-क्या साइड इफेक्‍ट्स हो सकते हैं।
10 लाख से ज्यादा महिलाएं करती हैं सेवन : शोध के अनुसार, दुनियाभर में करीब 10 लाख से ज्यादा महिलाएं इन गोलियों का इस्तेमाल कर रही हैं, जिसमें 15 से 34 साल एज ग्रुप की महिलाएं शामिल हैं। हालांकि बिना प्रिस्‍कब्रशन इन गोलियों को बेचना और खरीदना जुर्म है लेकिन बावजूद इसके मार्कीट में यह गोलियां आसानी से मिल जाती हैं और इनका इस्तेमाल पढ़ी लिखी शहरों में रहने वाली महिलाएं ज्यादा कर रही हैं। बता दें कि दवा विक्रेता को दवाइयां बेचने से पहले पर्चे की फोटो कापी, बिल का रिकार्ड रखना जरूरी है।
कब ले सकते हैं गर्भपात की दवा : अगर आपको गलती से गर्भ ठहर गया है तो गर्भपात की दवा लेने से पहले आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए लेकिन इससे पहले अल्ट्रासाउंड करवाकर पता कर लें कि आप ये गोलियां ले सकती हैं या नहीं। एक्सपर्ट के मुताबिक, यह पिल्स आपके अंतिम माहवारी से 49 दिनों के भीतर यानि गर्भावस्था के 9वें हफ्ते तक ली जानी चाहिए। आमतौर पर गर्भपात की दो गोलियां लेनी पड़ती है। पहली दवा और दूसरी दवा के बीच कितना अंतर रखना है ये आपको चिकित्सक खुद बताते हैं।
क्या है गर्भपात की दवाओं की गारंटी? : अगर गोली प्रेग्नेंसी के पहले 2 हफ्तों के अंदर और सही तरीके से ली जाए तो यह 95% से 97% तक काम करती है। अगर इसे समय टलने के बाद लिया जाए तो एनीमिया, हृदय रोग या अनियंत्रित मिरगी की समस्या हो सकती है।
अबॉर्शन पिल्स के नुकसान : फर्टिल‍िटी पर असर : अबॉर्शन की दवाइयां का अधिक इस्‍तेमाल करने से शरीर में बन रहे प्रेग्‍नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्‍टेरॉन प्रभावित होती है। इस वजह से महिलाओं के फर्टिल‍िटी पर भी असर पड़ता है और महिला को दोबारा मां बनने में परेशानी होती है।
पूरी तरह से गर्भपात न होना : कई बार गोलियां लेने से भ्रूण पूरी तरह गर्भाश्य से बाहर नहीं निकल पाता और उसके कुछ अवशेष अंदर रह जाते हैं। ऐसे में हालांत में सर्जरी करवाने की नौबत आ सकती हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप इन पिल्स को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
अधिक मात्रा में ब्‍लीडिंग : ये पिल्स सिर्फ 50 दिन के अंदर तक ली जानी चाहिए लेकिन लोग बिना जानकारी के इसे तीन महीने चार महीने तक ले लेते हैं, जिससे ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होने लगती हैं और इंफैक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। दरअसल, यह गोलियां शरीर में बन रहे प्रेग्‍नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्‍टेरॉन के उत्‍पादन को बंद कर देती हैं, जिससे भ्रूण गर्भाशय से अलग होकर बाहर आने लगता है और गर्भाशय का संकुचन ब्‍लीडिंग को बढ़ा देता है। इससे पीरियड के दौरान हैवी ब्‍लीडिंग हो सकती है और यह कुछ दिनों बल्कि हफ्तों से लेकर एक महीने तक हो सकती है।
पेट में अधिक दर्द और ऐंठन : अबॉर्शन पिल्‍स से पेट में दर्द और ऐंठन होता है। चूंकि इससे शरीर भारी मात्रा में रक्‍त और दूसरे द्रव लगातार निकलते रहते हैं इसलिए पेट, पैरों और शरीर के कई हिस्‍सों में ऐंठन की शिकायत हो सकती है।
जी मिचलाना, दस्‍त : इस दवाओं का सेवन करने से जी मिचलाने और उल्‍टी की शिकायत भी हो सकती हैं। इसके अलावा इससे कभी-कभार पेट में मरोड़ और दस्त भी लग सकते हैं।
कमजोरी होना : ये गोलियां इतनी स्ट्रांन्ग होती है, जिससे शरीर में कमजोरी, सिरदर्द और चक्कर आने लगते हैं। इसके अलावा इससे कभी-कभी बुखार भी आ जाता है। अगर इनके सेवन के बाद अगर तबीयत ज्‍यादा खराब हो तो डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए।
शरीर में खून की कमी : अधिक ब्लीडिंग होने के कारण इससे शरीर में खून की कमी हो जाती है। अगर आप पहले से ही एनीमिक है तो आपकी समस्या और भी बढ़ सकती हैं। ऐसे में आपको बिना डॉक्‍टरी सला‍ह के इन गोल‍ियों के बारे में सोचें भी नहीं।