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 भारत ने डोमिनिका कोर्ट को बताया, ‘नागरिकता छोड़ने का मेहुल चोकसी का दावा बोगस’

भारतीय बैंकों से फर्जीवाड़ा करके फरार हुए व्यापारी मेहुल चोकसी की नागरिकता भारत की है और नागरिकता छोड़ने के आवेदन को खारिज कर दिया गया था। यह बात भारतीय अथॉरिटीज ने डोमिनिका हाई कोर्ट को दिए ऐफिडेविट में कही है। उनका कहना है कि चोकसी का नागरिकता कानून 1955 के तहत से नागरिकता छोड़ने का दावा गलत है।
ऐफिडेविट में कहा गया है कि चोकसी के दावे बोगस हैं और वह अभी भी भारतीय नागरिक है। इसमें बताया गया है कि नागरिकता छोड़ने का दावा भारतीय कानून से उलट है और गलत है। ऐफिडेविट में कहा गया है कि भारत ने ऐंटीगा ऐंड बारबूडा सरकार के सामने नागरिकता रद्द करने का मुद्दा उठाया है क्योंकि उसे नागरिकता गलत आधार पर मिली है।
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (mehul choksi) ने कहा है कि उसने डोमिनिका में भारतीय अधिकारियों को खुद से पूछताछ के लिए आमंत्रित किया है। मेहुल चोकसी (mehul choksi) ने यह दावा किया है कि उसने भारत सिर्फ इलाज कराने के लिए छोड़ा है। mehul choksi ने दावा किया है कि वह भारत के कानून का सम्मान करता है और उसने अधिकारियों के डर या अपने खिलाफ किसी जांच से डरकर भारत नहीं छोड़ा है। 62 साल के भगोड़े ज्वैलर मेहुल चोकसी (mehul choksi) ने डोमिनिका की हाईकोर्ट में दायर किए गए एक एफिडेविट में कहा, “मैंने भारतीय अधिकारियों को पूछताछ के लिए आमंत्रित किया है। अगर वे अपनी जांच के सिलसिले में मुझसे कुछ पूछना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।”
मेहुल चोकसी (mehul choksi) ने कहा कि मैंने भारत में कोई नियम नहीं तोड़ा है। मेरे खिलाफ कोई वारंट जारी नहीं हुआ था। जब मैंने भारत छोड़ा तो मेरा उद्देश्य सिर्फ इलाज कराना था। mehul choksi ने कहा कि वह अमेरिका में अपना इलाज कराने के लिए भारत से आ रहा था। मेहुल चोकसी (mehul choksi) ने 8 पेज का साइन किया हुआ यह एफिडेविट डोमिनिका की हाईकोर्ट में दायर किया है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया (Toi) के पास इस एफिडेविट की कॉपी मौजूद है।
साल 2018 की जनवरी में मेहुल चौकसी (mehul choksi) भारत छोड़कर भाग भाग गया था। पीएनबी (PNB) के 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले में नाम आने से कुछ दिन पहले ही चोकसी (mehul choksi) भारत छोड़कर एंटीगा में सेटल हो गया था। उसके बाद से वह अब तक भारत नहीं लौटा है। भारत में सीबीआई, ईडी और अन्य जांच एजेंसियां mehul choksi के खिलाफ अपराधिक षड्यंत्र, और आपराधिक साजिश, चीटिंग, बेईमानी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहे हैं।
3 जून को डोमिनिका की कोर्ट में फाइल इस एफिडेविट में मेहुल चौकसी (mehul choksi) ने कहा है कि उसका भारत से भागने का कोई इरादा नहीं था। mehul choksi ने कहा है कि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर इंटरपोल नोटिस कोई इंटरनेशनल वारंट नहीं है, सिर्फ उसके सरेंडर करने के लिए कहे जाने की सूचना है। भारत में किए गए आपराधिक षड्यंत्र पर एंटीगा की अदालत में मेहुल चोकसी (mehul choksi) के खिलाफ मुकदमा चल रहा है।
मेहुल चोकसी (Mehul-Choksi) ने कहा है कि उसका डोमिनिका की कोर्ट की सुनवाई से भागने का भी कोई इरादा नहीं है। उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी होने की वजह से उसके फ्लाइट में चढ़ने में भी कोई दिक्कत नहीं है। Mehul-choksi ने कहा है कि रेड नोटिस इंटरनेशनल अरेस्ट वारंट नहीं है। यह भारत की तरफ से इंटरपोल को Mehul को लोकेट करने के लिए किया गया एक रिक्वेस्ट है। इसके जरिए भारत सरकार उसे सरेंडर कराना चाहती है। एंटीगा और बारबुडा में इससे संबंधित जरूरी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। मेहुल चौकसी (Mehul Choksi ने कोर्ट को कहा है कि वह कोर्ट की इजाजत के बिना कहीं भी यात्रा नहीं करने की बात स्वीकार कर रहा है।
यह ऐफिडेविट कॉन्सुलर ऑफिस ने भारतीय उच्चायोग में फाइल किया है। इसमें कहा गया है कि चोकसी भारत में किए गए अपराधों की जांच के लिए भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की लिस्ट में वॉन्टेड है। PNB घोटाले केस की जांच कर रही CBI ने भी डोमिनिका कोर्ट में चोकसी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ऐफिडेविट फाइल किया है।
ऐफिडेविट में कहा गया है कि कई कंपनियों के पीछे चोकसी मास्टरमाइंड है और उसने दूसरों के साथ मिलकर गलत तरीके से पैसे हासिल किए। CBI ने कोर्ट को बताया है कि भारतीय सरकार की शिकायत पर इंटरपोल ने भी रेड नोटिस जारी किया है। डोमिनिका हाई कोर्ट ने चोकसी की जमानत याचिका रद्द कर दी है।