ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स और फैंस की बदमिजाजी पर क्रिकेट इतिहासकार आसानी से एक किताब लिख सकते हैं। सिडनी टेस्ट में भारतीय पेसर्स मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह पहले दिन से ही कुछ दर्शकों के निशाने पर रहे। दोनों को ‘ब्राउन डॉग’, ‘मंकी’, जैसी नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। क्रिकेटर्स पर गालियों की बौछार हुई। इन सबके बाद भी ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों और क्रिकेटर्स में यह कहने की हिम्मत न जाने कहां से आ गई कि छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। महानतम तेज गेंदबाजों में शुमार ग्लेन मैक्ग्रा कॉमेंट्री के दौरान कह रहे थे कि ‘इन चीजों को उतना तूल नहीं देना चाहिए।’ बुमराह या सिराज की जगह मैक्ग्रा होते और उन्हें किसी एशियाई देश में ऐसे ही गालियां दी जातीं, तब शायद उन्हें समझ आता कि ऐसी टिप्पणियों का किसी की मानसिक स्थिति पर क्या असर पड़ता है। फैंस की बदसलूकी के कई वीडियोज भी सामने आए हैं, जो प्लेयर्स के आरोपों की तस्दीक करते हैं।
टीम ने की शिकायत, अब जांच करेगा ऑस्ट्रेलिया : सिराज ने पहले कप्तान अजिंक्य रहाणे, फिर ऑन-फील्ड अंपायर्स से फैंस के व्यवहार की शिकायत की। तीसरे दिन तो 10 मिनट तक खेल रोकना पड़ी। सिक्योरिटी बुलाकर छह लोगों को बाहर किया गया। शनिवार की घटना के बाद भारतीय टीम ने आईसीसी से शिकायत की है। नस्लवादी फैंस ने बुमराह और सिराज से कहा, “तुम काले कुत्ते, घर चले जाओ। हम तुमको पसंद नहीं करते।” दोनों क्रिकेटर्स को ‘मंकी, वैंकर और मदर***’ तक कहा गया। घटना से जुड़े कुछ वीडियोज भी सामने आए हैं जिनमें ऑस्ट्रेलियाई फैंस की बदसलूकी सुनी जा सकती है।
Well this is some proof......
— Rithvik Shetty (@Shetty10Rithvik) January 10, 2021
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