Thursday , March 28 2024 8:42 PM
Home / News / India / भारत के इशारे पर नाच रहे पीएम ओली, उसी की शह पर संसद की भंग: पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’

भारत के इशारे पर नाच रहे पीएम ओली, उसी की शह पर संसद की भंग: पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’


नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के एक धड़े के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने बुधवार को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली पर भारत के इशारे पर सत्तारूढ़ दल को विभाजित और संसद को भंग करने का आरोप लगाया। यहां नेपाल एकेडमी हॉल में अपने धड़े के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा कि प्रधानमंत्री ने निकट अतीत में आरोप लगाया था कि एनसीपी के कुछ नेता भारत की शह पर उनकी सरकार को गिराने की साचिश रच रहे थे।
‘इसलिए नहीं किया इस्तीफा देने को बाध्य’ : प्रचंड ने कहा कि उनके धड़े ने बस इसलिए ओली को इस्तीफा देने के लिए बाध्य नहीं किया क्योंकि इससे एक संदेश जाता कि ओली का बयान सच है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘(लेकिन) अब क्या ओली ने भारत के निर्देश पर पार्टी को विभाजित कर दिया और प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया?’ उन्होंने कहा कि सच नेपाल की जनता के सामने आ गया।
चीन के विशेष दूत का नेपाल दौरा देश के आंतरिक मामलों में ड्रैगन के सीधे दखल के रूप में देखा जा रहा है। जिनपिंग के खास दूत सबसे पहले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके प्रमुख प्रतिद्वंदी पुष्प कमल दहल प्रचंड से मुलाकात कर सुलह करवाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए काठमांडू में तैनात चीनी राजदूत हाओ यांकी ने पहले से ही पीएम ओली और दहल से मिलने का समय मांगा है। बताया जा रहा है कि दहल ने गूओ येझोउ से मुलाकात करने की हामी भर दी है, जबकि ओली की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।
इससे पहले नेपाल के हुमला इलाके में चीन के जमीन कब्जाने की घटना के बाद भी काठमांडू की सड़कों पर बड़ी संख्या में नेपालियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान लोगों ने चीनी दूतावास के बाहर गो बैक चाइना के नारे भी लगाए थे। चीन ने नेपाल के हुमला इलाके में कम से कम 9 बिल्डिंग्स का निर्माण किया है। हालांकि नेपाल सरकार ने अपने ही अधिकारियों के रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि चीन ने कोई भी कब्जा नहीं किया है।
गूओ येझोउ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बेहद खास माने जाते हैं। ये चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्‍ट्रीय विभाग के उप मंत्री भी हैं। इनकी ही पहल पर नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया था। इसके अलावा ये चीन की तरफ से कम्युनिस्ट देशों से संपर्क के भी प्रमुख हैं। इस बार गूओ येझोउ के साथ चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी नेपाल पहुंचा है।
नेपाली अखबार काठमांडू पोस्‍ट के मुताबिक गत महीने में जब नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी में तनाव अपने चरम पर था, उस समय चीनी राजदूत हाओ यांकी ने पार्टी के शीर्ष नेताओं और राष्‍ट्रपति ब‍िद्यादेवी भंडारी से मुलाकात की थी। हालांकि, दोनों ही पक्षों में शांति बनाने के कई प्रयास करने के बाद भी हायो यांकी को कामयाबी नहीं मिली। इधर नेपाल को अपने हाथ से निकलता देख जिनपिंग ने डैमेज कंट्रोल के लिए तुरंत गूओ येझोउ को नेपाल जाने का आदेश दिया।
‘रॉ प्रमुख के साथ 4 घंटे बैठक से साफ हुई मंशा’ : प्रचंड ने आरोप लगाया, ‘ओली ने भारत की खुफिया शाखा रॉ के प्रमुख सामंत गोयल से बालुवतार में अपने निवास पर किसी भी तीसरे व्यक्ति की गैरमौजूदगी में तीन घंटे तक बैठक की, जो स्पष्ट रूप से ओली की मंशा दर्शाता है।’ उन्होंने प्रधानमंत्री पर बाहरी ताकतों की गलत सलाह लेने का आरोप लगाया। प्रचंड ने कहा कि प्रतिनिधि सभा को भंग करके ओली ने संविधान एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था को एक झटका दिया जिसे लोगों के सात दशक के संघर्ष के बाद स्थापित किया गया था।
अप्रैल और मई में होंगे चुनाव : नेपाल 20 दिसंबर को तब राजनीतिक संकट में फंस गया जब चीन समर्थक समझे जाने वाले ओली ने प्रचंड के साथ सत्ता संघर्ष के बीच अचानक प्रतिनिधि सभा भंग करने की सिफारिश कर दी। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उनकी अनुशंसा पर उसी दिन प्रतिनिधि सभा को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नए चुनावों की तारीख का ऐलान भी कर दिया।