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अफगानिस्‍तान में तालिबान की क्रूरता, सैनिक के मासूम बच्चे को मारे 100 कोड़े


अफगानिस्तान में तालिबान के अत्याचार और क्रूरता बढ़ती जा रही है। तालिबान के आंतक की मार जवान, बूढ़े और महिलाएं ही नहीं बल्कि बच्चे भी झेल रहे हैं। अफगान सरकार हर मोर्चे पर खुद को अकेला और कमजोर पा रही है। तालिबान ने अफगानों के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है। जिन बच्चों को स्कूल जाना था वो आतंकवादियों से जूझ रहे हैं। सोमवार को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक फोटो पोस्ट की, जिसमें एक बच्चा बुरी तरह घायल नजर आ रहा है। इस बच्चे को आतंकवादियों ने 100 कोड़े मारे और बुरी तरह पीटा है। तस्वीर में बच्चा किसी अस्पताल में भर्ती नजर आ रहा है। यह तस्वीर इस बात का सबूत है कि तालिबान के ज़ुल्म से कोई भी बच नहीं पा रहा है।
फोटो ट्वीट करते हुए प्रवक्ता फवाद अमन ने लिखा, ‘तालिबान के आतंकवादियों ने फरयाब प्रांत के शेरिन-तगाब जिले में एक बच्चे को बेरहमी से पीटा क्योंकि उसके पिता एक अफगान सैनिक थे।’ आगे उन्होंने लिखा कि तालिबान हर रोज अपने कब्जे वाले इलाकों में निर्दोष नागरिकों का मारता है और लोगों की संपत्ति लूटता है। तालिबान की क्रूरता का यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में इसके कई उदाहरण आतंकी संगठन ने पेश किए हैं।
इससे कुछ दिनों पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के मशहूर कमीडियन नजर मोहम्मद खाशा की बर्बर हत्या कर डाली थी। घटना को अंजाम देने से पहले लिया गया एक वीडियो भी समूह की ओर से जारी किया गया था, जिसमें तालिबानी लड़ाके नजर को मार रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान नजर अपनी जिंदगी का आखिरी मजाक भी करते हैं और मरते-मरते तालिबान को जवाब दे जाते हैं। घटना का वीडियो सामने आने के बाद से दुनिया सदमे में है।
वीडियो में दिखाया गया है कि एक गाड़ी के अंदर बैठाकर नजर को कई थप्पड़ मारे गए थे। उनके हाथ बंधे थे और कई लड़ाकों ने उन्हें घेर रखा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद उन्हें पेड़ से बांधा गया और फिर गला रेतकर उनकी हत्या कर दी गई। यह साफ नहीं है कि अपहरण करने के बाद उनकी हत्या कब की गई। भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या का आरोप भी तालिबान पर लगा है।