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ट्विटर ने सस्पेंड किया ईरान के सबसे बड़े लीडर का फेक अकाउंट, ट्रंप को दी थी हमले की धमकी

ट्विटर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धमकी देने के मामले में ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु आयतुल्लाह अली खामेनेई के एक फर्जी अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है। इस अकाउंट को पहले खामेनेई के ऑफिस का ट्विटर हैंडल बताया गया था। जिसके बाद से ईरान से अमेरिका तक खासा बवाल मच गया था। खमेनेई के नाम से बने इस फर्जी ट्विटर अकाउंट के जरिए ईरानी सेना के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने की बात कही गई थी।
ट्रंप को दी थी हमले की धमकी : इस अकाउंट से एक फोटो ट्वीट किया था, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप बी-2 स्पिरिट बॉम्बर के साए में गोल्फ खेलते हुए दिखाई दे रहे थे। इस फोटो के ऊपर लिखा था कि ‘बदला लाजिमी है।’ इसमें बदला शब्द को लाल रंग में लिखा गया था। इस तस्वीर में यह भी लिखा गया है कि ‘कासिम सुलेमानी की हत्यारे और जिसने हत्या का आदेश दिया उसे कीमत चुकानी होगी।’
ट्रंप के आदेश पर हुई थी कासिम सुलेमानी की हत्या : बता दें कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर 3 जनवरी 2020 को ईरानी सेना के जनरल कासिम सुलेमानी को अमेरिकी सेना ने एक ड्रोन हमले में मार दिया था। सुलेमानी उस समय इराक की राजधानी बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से निकलकर कार के जरिए कहीं जा रहे थे। अपने जनरल की मौत से बौखलाए ईरान ने इराक में स्थित अमेरिका के कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए थे।
ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी भी निशाने पर : वहीं, कई ट्विटर यूजर्स ने इस तस्वीर के जरिए सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में जैक को टैग कर लिखा है कि उनका प्लेटफार्म घृणास्पद भाषा के खिलाफ है। दरअसल, यूजर्स इसे ट्रंप के खिलाफ घृणा का मामला बता रहे हैं। इसी के कारण 6 जनवरी को अमेरिकी संसद में हुई हिंसा के बाद ट्विटर ने ट्रंप के ट्विटर अकाउंट को बैन कर दिया था।
ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से मदद मांग रहा ईरान : ईरान अपने शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के एक साल बाद फिर अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरपोल से ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए मदद मांग रहा है। ईरान ने इंटरपोल से आग्रह किया है कि वह ट्रंप समेत 47 अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करे। ईरान ने इससे पहले जून में भी इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी, लेकिन तब उसकी यह अपील खारिज कर दी गई थी।