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विजय माल्या को झटका, प्रत्यर्पण मामले में 4 दिसंबर को होगी अंतिम सुनवाई


लंदन। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को गुरुवार को लंदन के कोर्ट से झटका लगा है। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने प्रत्यर्पण मामले में अंतिम सुनवाई की तारीख अगले साल अप्रैल में करने की माल्या की अपील खारिज को कर दिया।

कोर्ट ने साथ ही चार दिसंबर को अंतिम सुनवाई तय कर दी। करीब 9,000 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज धोखाधड़ी में भारत में वांछित माल्या मार्च 2016 से लंदन में रह रहा है। प्रत्यर्पण वारंट पर उसे 18 अप्रैल को स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने गिरफ्तार किया था।

भारत की तरफ से पेश क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कोर्ट से कहा कि माल्या के प्रत्यर्पण के लिए हमारे पास पर्याप्त दस्तावेज हैं। भारत के अधिकारियों ने इस मामले में उत्कृष्ट सहयोग दिया है।

सीपीएस के वकील मार्क समर्स ने कोर्ट से कहा कि हम मामले की आगे की कार्यवाही के लिए तैयार हैं। उन्होंने कोर्ट से जल्द अंतिम सुनवाई की तारीख तय करने को कहा।

हालांकि माल्या के वकील बेन वाटसन ने कहा कि उन्हें प्रमाण के तौर पर सैकड़ों पन्नों के दस्तावेज बुधवार शाम मिले हैं। इसके अध्ययन के लिए अधिक समय की जरूरत होगी, इसलिए अंतिम सुनवाई की तारीख अप्रैल 2018 में रखी जाए।

लेकिन चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस अरबथनॉट इससे सहमत नहीं हुईं और अंतिम सुनवाई चार दिसंबर तय कर दी।

उन्होंने भारतीय पक्ष को 31 जुलाई तक माल्या के वकील को विस्तृत ओपनिंग नोट उपलब्ध कराने को कहा। अब मामले की प्रगति की समीक्षा के लिए एक और सुनवाई 14 सितंबर को होगी।

जज ने साथ ही माल्या से कहा कि अगली सुनवाई में उसे पेश नहीं होने की छूट होगी क्योंकि कोर्ट से बाहर मीडिया को रोकना मुश्किल है।

इससे पहले 13 जून को सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने मीडिया को लेकर पेशी से छूट मांगी थी जिसे स्वीकार कर लिया गया था। हालांकि पेशी से मिली छूट के बावजूद गुरुवार को माल्या कोर्ट पहुंचा।

लंदन। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को गुरुवार को लंदन के कोर्ट से झटका लगा है। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने प्रत्यर्पण मामले में अंतिम सुनवाई की तारीख अगले साल अप्रैल में करने की माल्या की अपील खारिज को कर दिया। कोर्ट ने साथ ही चार दिसंबर को अंतिम सुनवाई तय कर दी। करीब 9,000 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज धोखाधड़ी में भारत में वांछित माल्या मार्च 2016 से लंदन में रह रहा है। प्रत्यर्पण वारंट पर उसे 18 अप्रैल को स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने गिरफ्तार किया था। भारत की तरफ से पेश क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कोर्ट से कहा कि माल्या के प्रत्यर्पण के लिए हमारे पास पर्याप्त दस्तावेज हैं। भारत के अधिकारियों ने इस मामले में उत्कृष्ट सहयोग दिया है। सीपीएस के वकील मार्क समर्स ने कोर्ट से कहा कि हम मामले की आगे की कार्यवाही के लिए तैयार हैं। उन्होंने कोर्ट से जल्द अंतिम सुनवाई की तारीख तय करने को कहा। हालांकि माल्या के वकील बेन वाटसन ने कहा कि उन्हें प्रमाण के तौर पर सैकड़ों पन्नों के दस्तावेज बुधवार शाम मिले हैं। इसके अध्ययन के लिए अधिक समय की जरूरत होगी, इसलिए अंतिम सुनवाई की तारीख अप्रैल 2018 में रखी जाए। लेकिन चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस अरबथनॉट इससे सहमत नहीं हुईं और अंतिम सुनवाई चार दिसंबर तय कर दी। उन्होंने भारतीय पक्ष को 31 जुलाई तक माल्या के वकील को विस्तृत ओपनिंग नोट उपलब्ध कराने को कहा। अब मामले की प्रगति की समीक्षा के लिए एक और सुनवाई 14 सितंबर को होगी। जज ने साथ ही माल्या से कहा कि अगली सुनवाई में उसे पेश नहीं होने की छूट होगी क्योंकि कोर्ट से बाहर मीडिया को रोकना मुश्किल है। इससे पहले 13 जून को सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ने मीडिया को लेकर पेशी से छूट मांगी थी जिसे स्वीकार कर लिया गया था। हालांकि पेशी से मिली छूट के बावजूद गुरुवार को माल्या कोर्ट पहुंचा।