वेंकूवर: 24 साल की क्लिया सेकविले पेशे से ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर है। उसका शौक है रोजाना जिम जाकर खुद को फिट एंड हेल्दी रखना। लेकिन एक दिन अचानक उसे पता चला कि वह लिमफोमा कैंसर से ग्रस्त है। क्लिया बताती हैं, मुझे जिम जाना बहुत पसंद था। मैं रोजाना जिम जाती थी। लेकिन पिछले साल जुलाई में एक दिन मेरी तबियत थोड़ी खराब लग रही थी।
थका-थका करती थी महसूस
डॉक्टर ने मुझे एंटीबायोटिक लेने का सुझाव दिया। इन दवाओं से मेरी सेहत पर कुछ खास प्रभाव नहीं हुआ। मैं हमेशा थका-थका महसूस करती। मैं जिम भी नहीं जा पा रही थी। दो हफ्ते बाद मुझे फिर बुखार हो गया। मैंने ब्लड टेस्ट, एक्सरे और सीटी स्कैन कराया, तो डॉक्टरों ने डायग्नोस कर बताया कि मुझे लिंफोमा (लिंफ कैंसर) है।
मुझे लडऩा है
क्लिया के अनुसार, डॉक्टरों को मेरे गले और बगल के पास गांठ मिली। इस बात से मेरा परिवार और दोस्त बहुत दुखी हुए। लेकिन मैं ऐसी इंसान हूं, जो समय के साथ चलती हूं। मैंने अपने परिवार से कहा कि हमें इससे लडऩा है। इसलिए मजबूत रहो। मैंने जॉब छोड़ दी और पेरेंट्स के साथ घर आ गई। अब रोजाना जिम जाने वाली लड़की बिस्तर पर पड़ गई। मेरे बाल झडऩे लगे थे। मैं बहुत कमजोर हो रही थी। मैं कभी खुद को ऐसा नहीं देखना चाहती थी।
डॉक्टर ने दी वर्कआउट की इजाजत
जब कीमोथैरेपी शुरू हुई, तब मैंने फिर से जिम जाने का फैसला किया। पहले डायग्नोस के बाद मैंने डॉक्टर से इस संबंध में बात की और उन्होंने मेरे मजबूत इरादे देखकर मुझे वर्कआउट करने की इजाजत दे दी। वह कीमोथैरेपी के दौरान ही जिम जाने लगी। 6 महीने जिम में बॉडी बिल्डिंग करके उसने वैसी ही बॉडी हासिल कर ली है, जैसी कैंसर होने के पहले थी। अब वो पहले से ज्यादा स्वस्थ और मानसिक रूप से मजबूत है। अब मेरी इच्छा बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने की भी है।