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क्रिकेट: चयनकर्ताओं का होगा साक्षात्कार, उम्र सीमा हुई तय

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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने चयनकर्ताओं को चुनने की पारंपरिक जोनल चयन प्रक्रिया को समाप्त करते हुए अब साक्षात्कार के जरिए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को चुनने का फैसला किया है। बीसीसीआई पुरुष, महिला और जूनियर चयन समितियों के लिए पहली बार चयनकर्ताओं को साक्षात्कार प्रक्रिया के जरिए चुनेगी।

लोढा समिति ने की थी सिस्टम को समाप्त करने की सिफारिश
इसके लिए आवेदन देने की अंतिम समय सीमा 14 सितंबर है, हालांकि बीसीसीआई ने इसके लिए विज्ञापन दस सितंबर को ही जारी किया था। जस्टिस लोढा समिति ने जोनल सिस्टम को समाप्त करने की सिफारिश की थी जिसके चलते बीसीसीआई को जोनल प्रक्रिया के जरिए राष्ट्रीय चयनकर्ता नियुक्त करने की प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पहले की प्रक्रिया में पांच जोन से चयनकर्ता नियुक्त किए जाते थे। बीसीसीआई के विज्ञापन में चयनकर्ताओं के लिए जो येाग्यता मापदंड दिए गए हैं वे लोढा समिति द्वारा तय किए गए मापदंडों से बिल्कुल अलग है।

समिति के अनुसार केवल पूर्व टेस्ट खिलाड़ी ही चयन के लिए योग्य
लोढा समिति के दिशा-निर्देशों के अनुसार केवल पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी ही पुरुष और महिला चयन समितियों के लिए योग्य होंगे बशर्ते उन्होंने कम से कम पांच साल पहले खेल से संन्यास ले लिया हो। दूसरी तरफ बीसीसीआई का मापदंड कहता है, आवेदक ने भारतीय टीम का टेस्ट मैच या एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में प्रतिनिधित्व किया हो या भारत में 50 से अधिक प्रथम श्रेणी मैच खेले हों। ऐसे व्यक्ति पर सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति के लिए विचार किया जायेगा। जूनियर पैनल के लिए बीसीसीआई का कहना है कि योग्य उम्मीदवारों ने भारत में 50 से ज्यादा प्रथम श्रेणी मैच खेले हों जबकि लोढा समिति की सिफारिशों में कम से कम 25 प्रथम श्रेणी मैचों की बात कही गई है।

उम्मीदवारों की उम्र सीमा निर्धारित की गई
बीसीसीआई ने योग्य उम्मीदवारों के लिए 60 वर्ष की उम्र सीमा निर्धारित की है। इसके अलावा उम्मीदवार पूर्व चयनकर्ता नहीं होना चाहिए, आईपीएल की किसी भी फ्रेंचाइजी से जुड़ा नहीं होना चाहिए, न ही वह क्रिकेट अकादमी चलाता हो और न ही उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड हो। बीसीसीआई ने यह स्पष्ट नहीं किया कि लोढा समिति की सिफारिशों के मुताबिक वह चयन समितियों को पांच सदस्यों के बजाय तीन सदस्यों तक समिति करेगी या नहीं।

लोढा समिति की रिपोर्ट का कहना था कि समिति के सदस्यों में से सर्वाधिक टेस्ट मैच खेलने वाले को समिति का अध्यक्ष बनाया जाए। लोढा समिति की सिफारिशों से पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने असहमति जताई है और उनका कहना है कि पैनल के सदस्यों की संया कम करने से काम का बोझ ज्यादा बढ़ जाएगा क्योंकि देश काफी बड़ा है और काफी संख्या में प्रथम श्रेणी टीमें खेलती है।