नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत की. उनके इस सुझाव को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का समर्थन मिला लेकिन विपक्षी कांग्रेस ने आलोचना की.मोदी ने यहां मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में कहा, ‘‘इन दिनों बार बार चुनाव की बात होती है. लोग कहते हैं कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ में कराये जाएं.
यहां मुख्यमंत्री हैं. उन्हें हर पांच साल में जनता के पास जाना होता है.’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी दल मुझसे कह रहे हैं कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कैसे हो सकते हैं क्योंकि चुनावों पर बहुत वक्त बर्बाद होता है और चीजें रुक जाती हैं. आचार संहिता की वजह से 40-50 दिन तक फैसले लंबित रहते हैं. विपक्ष के नेताओं ने भी मुझसे मुलाकात की और एक रास्ता निकालने को कहा है.’ सार्वजनिक मंच पर प्रधानमंत्री ने पहली बार इस मुद्दे को उठाया और लोकसभा अध्यक्ष महाजन से उन्हें समर्थन मिला. स्पीकर ने कहा कि इससे समय और धन बचेगा.
महाजन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले भी कुछ नेताओं ने इस विषय को उठाया है और समाधान की बात कही है. यह कहना सही है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए, चूंकि पहले भी कई नेता इस मुद्दे को उठा चुके हैं. कई की राय है कि इससे समय और धन की बचत में मदद मिलेगी. देखते हैं कि चुनाव आयोग इस पर क्या कहता है.’ उन्होंने कहा, ‘‘विषय विचाराधीन है और आगे इस पर सही तरीके से विचार-विमर्श की जरूरत है. अच्छी सोच है कि और विचार होना चाहिए.