न्यूजीलैंड के एक व्यक्ति ने हाल ही में खालिस्तानी समर्थकों को कड़ा संदेश देते हुए कहा, “अपने देश लौट जाओ।” यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और यह संदेश दुनिया भर में बढ़ते हुए अलगाववादी चरमपंथ के विरोध का प्रतीक बन गई है। ऑकलैंड में एक न्यूज़ीलैंड बास्केटबॉल जर्सी पहने हुए इस व्यक्ति ने खालिस्तानी झंडे को लेकर कड़ी आलोचना की और कहा कि न्यूजीलैंड में सिर्फ न्यूज़ीलैंड का झंडा ही ऊँचा होना चाहिए। उसने यह भी सवाल उठाया, “आपको क्या लगता है कि आप इस देश में आ सकते हैं, जब सैनिकों ने इस देश के लिए अपनी जान दी और विदेशी ज़मीन पर दफन हैं?” यह टिप्पणी उन न्यूज़ीलैंडर्स के बलिदान को याद दिलाती है जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, न कि ऐसे विभाजनकारी विचारधाराओं के लिए जो विदेशों से आई हैं।
यह घटना 17 नवम्बर को ऑकलैंड में आयोजित एक “खालिस्तान जनमत संग्रह” के बाद हुई। इस जनमत संग्रह में खालिस्तानी समर्थक एक अलग राज्य की मांग कर रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने तलवारों का प्रदर्शन किया, जो इस आंदोलन के उग्र रूप को दिखाता है। हालांकि इस जनमत संग्रह का कोई कानूनी या राजनीतिक महत्व नहीं था, फिर भी यह एक और प्रयास था जो समाज में विभाजन पैदा करने का था, और यह भी भारतीय धरती से बाहर की कोशिश थी।यह घटना न केवल न्यूजीलैंड, बल्कि दुनिया भर के लोकतंत्रों के लिए एक चेतावनी है, जो चरमपंथी विचारधाराओं से जूझ रहे हैं। खालिस्तान समर्थक अपनी गतिविधियों के लिए अक्सर इन देशों की स्वतंत्रता का लाभ उठाते हैं, लेकिन नागरिकों का इस तरह का विरोध यह दर्शाता है कि अब ऐसे विचारों के लिए जगह कम होती जा रही है।
Now in NEW ZEALAND: Khalistan supporters have begun gathering in Auckland to promote their unofficial “referendum” aimed at balkanizing India.
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 17, 2024
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