क्या आपने कभी जापानी बच्चे देखे हैं। कितने संस्कारवान, स्मार्ट और इंडिपेंडेंट होते हैं। इसका पूरा श्रेय जाता है जापान के एजुकेशन सिस्टम को। जापानी स्कूलों में ज्ञान से ज्यादा सभ्यता पर जोर दिया जाता है, जो बडे होकर बच्चों की असली पॉवर बनती है। आइए जानते हैं जापान के स्कूलों में बच्चे और क्या सीखते हैं।
हम सभी अपने बच्चाें को स्मार्ट बनाना चाहते हैं। लेकिन इंडियन कल्वर में ऐसा तब ही संभव है , जब बच्चा थेाड़ा समझदार हो जाए। लेकिन विदेशों में ऐसा नहीं होता। खासतौर से बात अगर जापान की करें, तो यह एक एडवांस देश है। यहां की तकनीक भारत से 10 साल आगे है और बच्चे हमारी सोच से ज्यादा होशियार।
ऐसा इसलिए क्योंकि जापानी स्कूलों में बच्चों को छोटी उम्र से ही इंडिपेंडेंट बनना सिखाया जाता है। यहां का एजुकेशन सिस्टम ही पूरी दुनिया में सबसे आगे है। घर के अलावा स्कूलों में भी बच्चों को बेहतरीन परवरिश मिलती है, जिसका असर बच्चों में साफ झलकता है। तो आइए जानते हैं जापानी स्कूलों में कैसे होती है पढ़ाई और बच्चे क्या सीखते हैं।
आदर सम्मान की शिक्षा दी जाती है – आपको जानकर हैरत होगी कि यहां बच्चे ग्रुप 5 यानी 10 साल तक कोई एग्जाम नहीं देते। न ही उन्हें कोई होमवर्क दिया जाता है। यहां के स्कूलों का मानना है कि पढ़ाई के अलावा और भी बहुत सी चीजें हैं, जो बच्चों को सिखाने के लिए जरूरी हैं। इसलिए यहां बच्चों को दूसरों को आदर और सम्मान देना सिखाते हैं। पहले के कुछ सालों में बच्चे में अच्छे संस्कार डाले जाते हैं।
बच्चाें को टीम वर्क सिखाया जाता है – जापानी स्कूलों में बच्चाें को टीम वर्क सिखाया जाता है। यहां के स्कूलों में हाउस कीपिंग और क्लीनिंग स्टाफ नहीं होता। स्कूल आने के बाद 15-30 मिनट तक बच्चे क्लासरूम और लॉबी एरिया की सफाई करने में बिताते हैं। कोई झाड़ू लगाता है तो कोई पोंछा। वहां ऐसा कोई भी है, जो इस काम को गंदा समझें। इससे बच्चों को टीम वर्क स्किल डेवलप होती है।
जापानी कल्चर में पर्यावरण के प्रति प्यार – जापानी कल्चर में बच्चों को पर्यावरण के प्रति प्यार और संवेदना रखना सिखाते हैं। बच्चों को यहां पर्यावरण को सुरक्षित रखने के तरीके बताए जाते हैं। यही वजह है कि यहां बच्चे कम उम्र से ही पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना सीख जाते हैं।
ग्रेड के लिए नहीं, नॉलेज के लिए पढ़ाते हैं – आगे चलकर इंडिपेंडेट कैसे बनना है, बच्चों को इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। सबसे अच्छी बात है कि यहां बच्चे ग्रेड के लिए नहीं, बल्कि नॉलेज पाने के लिए पढ़ते हैं। यहां स्कूलों में ज्ञान से ज्यादा सभ्यता पर ध्यान दिया जाता है।
टीचर्स स्टूडेंट को सीखते हैं समय का महत्व – जापानी लोग टाइमिंग को लेकर काफी सजग रहते हैं। क्योंकि यहां पर स्कूल में एडमिशन लेते ही बच्चों काे समय के महत्व के बारे में पढ़ाया जाता है। इसका नतीजा है कि स्कूलों में अटेंडेंस रेट हाई होती है और बच्चे दिलचस्पी के साथ पढ़ाई में ध्यान लगा पाते हैं। शायद यही चीजें जापान को दुनिया के अन्य देशों से ज्यादा सफल और एडवांस बना रही हैं।
Home / Lifestyle / जापान में बचपन से ही मिलती है इंडिपेंडेंट बनने की ट्रेनिंग, समय के पाबंद बन जाते हैं बच्चे