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माथे पर क्यों लगाया जाता है तिलक, जानिए क्या हैं कारण


भारतीय संस्कृति में किसी पूजा-पाठ या किसी मांगलिक कार्य के दौरान माथे पर तिलक लगाते हुए आपने कई लोगों को देखा होगा। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि बिना तिलक लगाए कोई भी पूजा संपन्न नहीं होती है। हिन्दू परंपराओं में सिर, मस्तक, गले, हृदय, दोनों बाजू, नाभि, पीठ, दोनों बगल आदि मिलाकर शरीर के कुल 12 स्थानों पर तिलक लगाने का विधान है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आखिर इस तिलक को क्यों लगाया जाता है, आखिर क्या हैं इसके लाभ। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं।
असल में माथे पर तिलक लगाने की प्रथा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। अमूनन ऐसा माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक उसी स्थान पर लगाया जाता है। तिलक लगाना देवी मां की आराधना से जुड़ा है।
तिलक लगाने के पीछे व्यक्ति की आध्यात्मिक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ कमाने की भावना भी जुडी होती है। ऐसा कहा जाता है कि किसी भी पूजा या शुभ काम में तिलक लगाने से सिद्धि प्राप्ति की होती है। इतना ही नहीं तिलक देवी मां के आशीर्वाद के प्रतीक रूप में भी माना जाता है। असल में मस्तिष्क के भु-मध्य ललाट में जिस जगह पर तिलक लगाया जाता है इस भाग को आज्ञाचक्र कहा जाता है।
जानकारों के अनुसार, माथे के मध्य में जहां तिलक लगाया जाता है वहां पीनियल ग्रंथि होत है, जिसके छूने से मस्तिष्क के अंतर एक बार की ऊर्जा की अनुभूति होती है।
ज्योतिषीय महत्व…
ज्योतिषों के अनुसार तिलक के अनेक लाभ होते है। उनके मुताबिक माथे पर तिलक लगाने से मनुष्य के व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है इससे व्यक्ति के चहेरे पर तेज आता है। ऐसा माना जाता है कि तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है। इतना ही नहीं कई तरह के ग्रहों की शांति में भी माथे पर लगा तिलक कारगर साबित होता है, जिसके चलते कई बार संकटों से बचाव होता है। साथ ही पूजा में सिद्धि की प्राप्ति होती है। पुण्य की फल की कामना की पूर्ति होती है।
वैज्ञानिक महत्व…
वैज्ञानिकों के अनुसार माथे पर तिलक लगाने से हमारे अंदर सकारात्मक सोच का निर्माण होता है। इतना ही नहीं माथे पर तिलक लगाने से सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्त्राव संतुलिक तरीके से होता है। इसके चलते हमारे मन में उदासीनता नहीं नहीं। शरीर में उत्साह बना रहता है, जिससे हमारा मन सकारात्मक कार्यों में ज्यादा लगता है। इतना ही नहीं तिलक लगाने से सिरदर्द की समस्या में भी कमी आती है। साथ ही इससे हमारे अंदर उत्तेजना व आत्मविश्वास भी बढोत्तरी होती है। माथे पर तिलक लगाने से मन स्थिर व शांत भी रहता है। यह मस्तिष्क से जुडी बिमारियों जैसे तनाव आदि से भी बचाता है।
तिलक के कई प्रकार…
आमतौर पर तिलक कई चीजों से लगाया जाता है जैसे चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि। भारत में हर संप्रदाय में अलग-अलग तिलकों का प्रयोग करते हैं।
चंदन : चंदन का तिलक लगाने से हमारा मस्तिष्क शांत व शीतल रहता है।
कुमकुम : कुमकुम का तिलक पूजा- अनुष्ठान के दौरान लगाया जाता है।
मिट्टी : मिट्टी का तिलक के लगाने से बुद्धि में वृद्धि और पुण्य प्राप्ति होती है।
हल्दी : हल्दी का तिलक लगाने से त्वचा संबंधी दोष नष्ट दूर और त्वचा शुद्ध होती है।
भस्म : भस्म के तिलक बुरी नजर से बचाने के लिए लगाया जाता है।