नवग्रहों में देवगुरू बृहस्पति को धन, पुत्र और विद्या का दाता माना गया है। शास्त्रों ने बृहस्पति ग्रह को हर तरह की आपदा-विपदाओं से धरती और मानव की रक्षा करने वाला ग्रह बताया है। कुण्डली में बृहस्पति की अच्छी स्थिति व्यक्ति को समृद्धि के मार्ग पर ले जाती है। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति अर्थात जुपिटर को गुरु की उपाधि प्राप्त है। संसार के स्मस्त प्राणियों में से बृहस्पति का प्रभाव सर्वाधिक रूप से मानव जीवन पड़ता है। ये दिन भगवान श्री हरि विष्णु को भी समर्पित है। जग के पालनकर्ता को खुश करने के लिए इस मंत्र स्तुति का सुबह-शाम जाप करें, हर रोज करना संभव न हो तो गुरुवार को अवश्य करें। मान्यता है की ये मंत्र देता है धन-
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्,
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥1॥
सशङ्खचक्रं सकिरीटकुण्डलं सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम्,
सहारवक्षस्स्थलशोभिकौस्तुभं नमामि विष्णुं शिरसा चतुर्भुजम् ।
सशङ्खचक्रं सकिरीटकुण्डलं सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम्,
सहारवक्षस्स्थलशोभिकौस्तुभं नमामि विष्णुं शिरसा चतुर्भुजम् ॥2॥
आर्थिक हानि से बचने के लिए – ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः
संतान सुख के लिए – ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
सर्वकल्याण के लिए – ॐ नमो नारायणाय
बृहस्पतिवार को करें ये उपाय
जल में हल्दी डालें और केले के पेड़ पर चढ़ाएं।
केले की जड़ के पास चने की दाल और मुनक्का अर्पित कर दीपदान करके आरती उतारें।
दिन में एक ही वक्त अन्न खाएं, पीले रंग के भोज्य पदार्थों का सेवन करें और नमक न खाएं।
पीले फलों का दान करें।
केला खाएं नहीं लेकिन दान जरूर करें।
पीले कपड़े पहनें।
बृहस्पति देव की कथा सुनें।