हिंदू धर्म के ग्रंथो में एेसी बहुत सी बातें बताई गई हैं जो देवी-देवताओं को अधिक प्रिय मानी जाती है। इसमें पूजा सामग्री से लेकर मनुष्य की आदतों के बारे में बताया गया है। मान्यता है कि एेसी 8 आदतें हैं, जो जिस भी व्यक्ति को होती हैं, उस पर देवी लक्ष्मी अपनी अपार कृपा बरसाती हैं। इसके साथ ही उसके जीवन में आने वाली हर बाधा को भी मां स्वयं दूर कर देती हैं। आइए जानते हैंं कौन सी हैं वो 8 आदतें-
ज्योतिष के अनुसार सुबह-शाम हर घर में पूजन के समय घंटी ज़रूर बजानी चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें घंटी की आवाज़ घर के हर कोने तक पहुंचे। कहा जाता है ऐसा करने घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है।
हिंदू धर्म में गौमूत्र को बहुत महत्व दिया गया है। इसलिए रोज़ाना घर के भीतर गौमूत्र का छिड़काव करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस उपाय से घर में ईश्वर की कृपा हमेशा बनी रहती है।
कईं लोगों की आदत होती है वो पूजा घर का झाड़ू-पोंछा भी उसी झाड़ू-पोंछे से कर देते हैं जिस से वह बाकी के घर का करते हैं। लेकिन एेसा नहीं करना चाहिए। पूजा घर का झाड़ू-पोंछा हमेशा अलग ही रखना चाहिए। जिस कपड़े से घर की साफ़-सफाई होती है, उस कपड़े से मंदिर की सफ़ाई नहीं करनी चाहिए। इससे नकारात्मकता बढ़ती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा की तरफ मुंह रखकर पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए पूजा करते समय अपना मुख इसी ओर रखें। इसके साथ ही ध्यान रखें कि कभी भी घर के प्रवेश द्वार के ठीक सामने ईश्वर की प्रतिमा न पड़ी हो।
मान्यता है कि जिस घर या परिवार में एकाक्षी नारियल की पूजा की जाती है, उस घर के ऊपर हमेशा लक्ष्मी मां की कृपा बनी रहती है। इसलिए हो सके तो घर के मंदिर में एकाक्षी नारियल ज़रूर स्थापित करें।
इस बात का ध्यान रखें कि घर में जिस भी भाग में मंदिर की स्थापना की जाए वहां सूर्य की रोशनी वहां ज़रूर पहुंचती हो। ऐसा हो तो किसी भी तरह की नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती।
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र पौधा माना जाता है। इसलिए घर के आंगन में या छत पर तुलसी का पौधा लगाकर, रोज़ उसे जल देने से देवी लक्ष्मी के साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी मिलती है। साथ ही घर में कभी भी धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती।
कभी भी मंदिर के कपाट खुले छोड़कर नहीं सोना चाहिए। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि रात को सोने से पहले मंदिर का दरवाजा बंद कर दें या इसको पर्दे से ढक दें।