अक्सर ही हम इस बात को लेकर सवाल करते रहते हैं कि क्या व्यक्ति की मृत्यु होती ही उसकी आत्मा परमात्मा में मिल जाती है? या फिर अपने कर्म के अनुसार मृत्यु लोक, बैकुंठ या फिर नरक लोक में जाती है। इन बातों पर विज्ञान कुछ भी कहे लेकिन पुराणों और उपनिषदों में मृत्यु और उसके बाद की प्रक्रिया पर सदियों पहले ही सबकुछ लिखा जा चुका है। उसके अनुसार किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा 13 दिनों तक अपनों के ही बीच रहती है।
गरुण पुराण में दर्ज है यह बात
गरुण पुराण में जानकारी दी गई है कि मृत्यु के बाद आत्मा के साथ किस प्रकार का व्यवहार करना है? यह उसके कर्मों पर आधारित होता है। मृत्यु के बाद आत्मा 24 घंटे तक यमदूतों के साथ रहती है। इसके बाद उसे 13 दिनों के लिए पृथ्वी पर उसके अपनों के बीच छोड़ दिया जाता है। इसके बाद जब सारी रस्में पूरी हो जाती हैं, तो आत्मा यमलोक वापस चली जाती है। वहां पहुंचने के बाद उसके कर्मों के आधार पर उसे लोक की प्राप्ति होती है और उसे अपने कर्मों का वहन करना पड़ता है।