आज अगस्त की पहली तारीख के साथ सावन माह की अमावस्या का आगाज़ हुआ है। इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इसके साथ-साथ आज 4 शुभ योगों का संगम बनेगा- शुभ योग, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य नक्षत्र। इस दौरान किए गए धार्मिक कार्य अक्षय पुण्य के साथ सफल होते हैं। आइए जानें, हरियाली अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ काम करने से लाभ प्राप्त होंगे।
लव मैरिज के लिए करें ये काम
यदि आपके विवाह में अड़चन आ रही है तो हरियाली अमावस्या से आरंभ करके सावन पूर्णिमा तक हर रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं। इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं और मनचाहे जीवनसाथी की कामना भी पूरी होगी।
गंभीर से गंभीर रोग को भगाएं
बीमारी ठीक करने के लिए हरियाली अमावस्या से आरंभ करके सोमवार पूर्णिमा तक पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़ कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते ॐ जूं स: मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा 9 बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें। इस उपाय से बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।
घर से हटाए बुरी बलाएं
जहां शांति होती है, वहां गृह-कलह नहीं होता और जहां गृह-कलह नहीं होता, वहीं लक्ष्मी वास करती हैं। गुड़-घी का धूप विशेष दिनों में देने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। घर में किसी भी प्रकार का संकट नहीं आता लेकिन वह धूप देवताओं के निमित्त ही देना चाहिए। पीली सरसों, गुग्गल, लोबान, गौघृत को मिलाकर इसका धूप बना लें और सूर्यास्त के बाद व दिन अस्त के पहले उपले (कंडे) जलाकर यह सारी मिश्रित सामग्री उस पर डाल दें। उसका धुआं संपूर्ण घर में फैलाएं। ऐसा करते रहेंगे तो घर से सभी तरह की नकारात्मक शक्तियां हट जाएंगी।
शिव परिवार की करें पूजा
जैसा की आजकल सावन का महीना चल रहा है और भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए हर श्रद्धालु प्रयास कर रहा है। हरियाली अमावस्या के दिन गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं। कार्तिकेय को मोर पंख भेंट करें। शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं। देवी पार्वती को सुहाग के सामान से सजाएं। संभव न हो तो किसी सुहागन ब्राह्मण महिला को तोहफे में भी दे सकते हैं।
पौधे लगाएं
हरियाली अमावस्या के दिन धार्मिक स्थानों पर पौधे लगाएं।
पितरों को प्रसन्न करें
परिवार के जो लोग इस दुनिया से चले जाते हैं, उन्हें पितर देवता कहा जाता है। हरियाली अमावस्या पर पितरों के प्रति श्राद्ध और तर्पण जरुर करना चाहिए। इससे वे प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार पर अपनी आशीर्वाद बनाए रखते हैं।