• प्रतीक माहेश्वरी बचपन उस अंधे को देखकर यौवन हो गया था… जब अंकुर अपनी माँ के साथ मंदिर से बाहर आता तो उसे देख कर विस्मित हो जाता.. उसे दुःख होता… एक दिन वह अपने दुःख का निवारण करने उस अंधे के पास पहुंचा.. पहुंचा और बोला – “बाबा, अँधा होने का आपको कोई गम है?” अँधा बोला – “बेटा, …
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आत्मा की आवाज़
• डॉ. प्रेम जनमेजय आजकल आत्मा की आवाज़ की जैसे सेल लगी हुई है। जिसे देखो वो ही आत्मा की आवाज़ सुनाने को उधार खाए बैठा है। आप न भी सुनना चाहें, तो जैसे क्रेडिट कार्ड, बैकों के उधारकर्त्ता, मोबाईल कंपनियों के विक्रेता अपनी कोयल-से मधुर स्वर में आपको अपनी आवाज़ सुनाने को उधार खाए बैठे होते हैं वैसे ही आत्मा …
Read More »सांप्रदायिकता से जूझते अफ़सानानिगार मंटो
• अरुण प्रसाद रजक सआदत हसन मंटो का पूरा संघर्ष आदमीयत या इंसानियत के लिए था। वे जानते थे कि अहसास के शुरुआती छोर से लेकर आखिरी छोर तक एक इन्सान सिर्फ इन्सान है, उससे बड़ा न कोई धर्म है, न मज़हब, न व्यवस्था। मंटो आदमीयत के इस अहसास से अच्छी तरह वाकिफ़ थे। उनके अफ़सानों का सरोकार न राजनीति से …
Read More »तू खाली भाव कम कर
तू खाली भाव कम कर….. ऑडी कार का सी ई ओ, कार के इतने अधिक कीमती होने को वाजिफ बताते हुए ऑडी की खूबियाँ गिना रहा था.. इसमें 12 एयर बैग्स हैं.. सेफ्टी सैंडर्स और सेफ्टी पार्किंग एसिस्टेंस हैं.. साथ ही अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं.. इन्डियन खरीददार उसकी बात काटते हुए बोला.. “भाई तू सेफ्टी की ज़रा भी चिंता ना कर.. …
Read More »सोनू पैराशूट बेच रहा था…
सोनू पैराशूट बेच रहा था… हवाई जहाज से कूदो, बटन दबाओ और जमीन पर सुरक्षित पहुंच जाओ। ग्राहक: अगर पैराशूट नहीं खुला तो क्या होगा? सोनू- तो पैसे वापिस। नॉमिनी का नाम नोट करा दो। ******************************** जज- क्या सबूत है कि जब एक्सीडेंट हुआ, तब तुम कार तेज नहीं चला रहे थे? कार चालक- साहब, मैं अपनी पत्नी को लेने …
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