वास्तुशास्त्र में घर को लेकर कई उपाय आदि बताएं गएं हैं जिन्हें अपनाने से घर की सुख-समृद्धि में बढ़ावा होता है। कहा जाता है कि वास्तु का सबसे ज्यादा प्रभाव घर के शयनकक्ष पर रहता है। इसलिए घर के बाकी हिस्सों की ही तरह शयनकक्ष को सजाते वक्त भी इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि जिंदगी में खुशियों का आगमन सदैव बना रहे।
यदि वास्तु के अनुसार शयन कक्ष को सजाया जाए तो घर-परिवार में अधिक शांति व सुकून का माहौल बना रहता है। तो आईए आज आपको बैडरूम की सजावट के कुछ एेसे उपाय बताएं, जिससे न केवल आपके कष्टों का निवारण होगा बल्कि समस्त समस्याओं का सामना करने में भी सहायता मिलेगी।
उपाय
इस बात का ध्यान रखें कि जिस बिस्तर पर आप सो रहे हैं, उस पर सिंपल डिजाइन वाले तकिए और चादर रखें। अधिक डिजाइन वाले या रंग-बिरंगी तकिए और चादरें के बिस्तर पर सोने वाले सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं।
शयनकक्ष यानी बैडरूम में हल्के गुलाबी रंग का प्रकाश होना चाहिए। इससे पति और पत्नी में आपसी प्रेम बना रहता है।
वास्तु के अनुसार शयनकक्ष में ड्रैसिंग टेबल रखना जरूरी है, लेकिन ध्यान रखें कि उसे एेसी जगह रखे जहां उसमें बैड की परछाई न दिखे।
यदि आपने बैडरूम में दीवाल घड़ी लगा रखी है, तो आपको यह जान लें कि घर के बैडरूम में घड़ी को कभी भी सिर के नीचे या बेड के पीछे कभी न लगाएं। जहां तक हाथ घड़ी की बात है, तो उसे कभी भी साथ रख कर न सोएं बल्कि उसे बैड की बाईं या दाईं ओर रख कर ही सोएं।
भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, शयनकक्ष भगवान या पूर्वजों की तस्वीर न लगाएं और साथ ही यहां अधिक गहरे रंग वाली तस्वीरों भी न लगाएं। इससे व्यक्ति के समस्त कष्टों का निवारण होता है।
घर में गुलदस्ता रखना वैसे तो अच्छा माना जाता है, इससे बाहर से आने वाले लोग पर सकारात्मक प्रभाव पढ़ता है। लेकिन इस बात को विशेष ध्यान रखना चाहिए कि रोजाना इसके फूलों को बदलें। यदि कृत्रिम फूल वाले गुलदान है, तो उसकी नियमित सफाई करें।