शनिदेव को न्याय प्रिय देवता माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर शनि देव रुष्ट हो जाएं तो राजा को रंक और रंक को राजा बना देते हैं। उन्हें खुश करने के लिए लोग हर तरह के प्रयत्न करते हैं। इनकी विशेष पूजा शनिवार के दिन की जाती हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शनि देव के गुरु भगवान शंकर ने उन्हें न्यायाधीश का दर्जा प्रदान किया है। अर्थात शनि देव मनुष्य को उसके अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। आज आपको बताएंगे कि शनिवार को शनि की पूजा कैसें करनी चहिए।
शनिवार के दिन सरसों के तेल में दीप दान करना चाहिए। लेकिन एक बात का ध्यान रखना चहिेए कि उनकी प्रतिमा के आगे नहीं बल्कि शिला के सामने रखना चाहिेए।
घर के आस-पास अगर शनि मंदिर न हो तो पीपल के पेड़ के आगे दीया जला सकते हैं। प्रातः काल कच्चा दूध भी पीपल पर चढ़ा सकते हैं।
शनिवार के दिन सरसों का तेल किसी गरीब को दान करें।
इस दिन काली उड़द या कोई काली वस्तु शनिदेव को अर्पित करनी चाहिेेए।
इसके पश्चात शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए और इसके बाद नीचे दिए गए शनि मंत्रों का जाप करें।
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:”
“ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:”