विदुर नीति में बहुत सी बातें बताई गई हैं, जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में आ रही कई परेशानियों को दूर कर सकता है। आज हम आपको विदुर नीति में बताए गए सच्चे मित्र के तीन गुण बताने जा रहे हैं। कहते हैं कि अच्छ-बुरे दोस्त की पहचान बुरे समय में ही होती है। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि मनुष्य अपने रिश्तेदार नहीं चुन सकता लेकिन अपने दोस्त स्वयं चुन सकता है। परंतु शास्त्रों में दोस्त चुनते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना आवश्यक बताया गया है। महाभारत के महात्मा विदुर ने महाभारत के दौरान एक अच्छे मित्र के गुण बताए हैं, जिनसे आप भीजान सकते हैं कि आपका दोस्त आपका सच्चा मित्र है या नहीं।
नहीं बताएंगे गलत आदत
महात्मा विदुर ने देश, काल और परिस्थिति के अनुसार कई ऐसे सूत्र बताए हैं। इन सूत्रों को विदुर नीति कहा जाता है। इसी नीति में से कुछ सूत्र दोस्ती के लिए बताए गए हैं। इसमें से पहला है- जो अपके अवगुणों के बारे में आपको सचेत करें। कई दोस्त अच्छा बनने के लिए कभी भी आपको आपकी गलतियों के बारे में नहीं बताएंगे। इस तरह के लोग दोस्ती के नाम पर आपके लिए खतरनाक होते हैं।
सबके सामने दिखाएगा नीचा
जैसा ऊपर बताया गया है कि सच्चा दोस्त आपको आपकी गलती बताएगा। लेकिन, यदि दोस्त हर किसी के सामने आपकी गलतियों को बता देते हैं वो आपके कभी सच्चे दोस्त नहीं होते हैं। ऐसे दोस्तों का मकसद आपका अपमान करके सिर्फ आपकी टांग खिंचाईं या फिर नीचा दिखाने के लिए होता है। अच्छा दोस्त हमेशा आपके अवगुण को अकेले में ही बात करके आपको समझाया।
ज्यादा गुस्सा और घमंड
वह इंसान से जो कि घमंडी हो, उससे कभी भी दोस्ती नही करना जो आपको कभी भी आगे बढ़ने नही दे सकते। इन्हें डर होता है कि कहीं आप उनसे आगे ना निकल जाएं। इसके अलावा जिस व्यक्ति को हर छोटी बात पर गुस्सा आता है, उस व्यक्ति से जितना दूर रहा जा सके उतना अच्छा होता है। ऐसे लोगों के बहुत से दुश्मन होते हैं क्योंकि ये अपने शब्दों से हर किसी को चोट ही पहुंचाते हैं।