घर चाहे अमीर का हो या गरीब का, उसमें किचन अवश्य होता है और घर की मालकिन का अधिकतम समय किचन में ही बीतता है। अत: इसकी सजावट में वास्तु एवं फेंगशुई के नियमों का पालन किया जाए तो मालकिन के साथ ही घर में रहने वाले धन और सेहत में लाभ के साथ सुखद एवं तनाव रहित जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
किचन में चूल्हा रखने का प्लेटफार्म पूर्व दिशा में ही बनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि भोजन बनाने वाला पूर्वमुखी होकर भोजन बना सके।
किचन के फर्श पर ग्रेनाइट कभी न लगाएं। सिर्फ रसोई के प्लेटफार्म पर लाल या काले रंग का ग्रेनाइट लगा सकते हैं।
किचन में बर्तन एवं अन्य सामान रखने के लिए टांड या अलमारी दक्षिण पश्चिम दीवारों पर ही बनाना चाहिए पूर्व व उत्तर की दीवारों पर कभी नहीं बनाना चाहिए।
किचन में पानी, पीने के मटके व नल, बर्तन इत्यादि धोने का सिंक ईशान कोण, पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए। पूर्व आग्नेय में बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
किचन में फ्रिज नैऋत्य कोण या वायव्य कोण में रखना शुभ होता है। रैफ्रीजरेटर को हमेशा भरा रखना चाहिए। इससे खाने-पीने के पदार्थों में और अधिक वृद्धि होती है। मिक्सर, जूसर, ग्राइंडर इत्यादि दक्षिण दिशा में प्लेटफार्म बनाकर रख सकते हैं।
किचन या स्टोर रूम में कभी भी खाली डिब्बे या कंटेनर नहीं रखने चाहिएं। यदि खाली डिब्बे हों तो भरे हुए डिब्बे का थोड़ा सामान उनमें डाल कर रखें। यदि यह न कर सकें तो डिब्बों के ढक्कन खोलकर रखें।
किचन में टूटे-फूटे बर्तन, क्रॉकरी इत्यादि कभी न रखें।
किचन के लिए सबसे अच्छा रंग सफेद होता है, इससे पवित्रता एवं सफाई बनी रहती है। किचन में किसी भी स्थिति में लाल रंग नहीं करना चाहिए। लाल रंग से परिवार में विवाद होते हैं।
किचन में खाना खाने की मेज या बैठने की व्यवस्था पश्चिम दिशा में होना शुभ होता है।