हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जहां देवी-देवताओं की पूजा के साथ अन्न को भी धार्मिक दृष्टि से देखा जाता है। इतना ही नहीं बल्कि शास्त्रों में अन्नपूर्णा मां का भी वर्णन मिलता है जिन्हें अन्न की देवी कहा गया है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में होने वाले तमाम धार्मिक अनुष्ठान आदि में कुछ ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाना आवश्यक माना जाता है। जिनमें से एक अक्षत यानि चावल। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म के साथ-साथ वास्तु शास्त्र में भी इसकी अहमियत बताई है। इतना ही नहीं इसमें इससे जुड़े कास उपाय बताए गए हैं।
अगर की व्यक्ति इन उपायों में कोई एक भी उपाय अपना ले तो जीवन की बहुत सी मुश्किलों खत्म हो जाती हैं। आज आपको एक ऐसा ही उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपके जीवन की दिक्कतें कई हद तक ठीक हो सकती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी शुभ दिन जैसे शुक्रवार या एकादशी के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान आदि करके देवी लक्ष्मी जी की तस्वीर या उनकी प्रतिमा स्थापित करें उसके सामने अपना आसन लगा लें। इसके बाद कुल 21 पीले चावल लें और उसे लाल रंग के रेशमी कपड़े में बांधकर उसकी छोटी-सी पोटली बना लें। इस पोटली को पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी के सामने रख दें।
फिर विधि-विधान से लक्ष्मी जी की पूजा खत्म करके इस पोटली को अपने पर्स में या फिर घर के उस स्थान पर रख दें जहां धन रखा जाता हो। तथा धन की देवी से यह प्रार्थना करें कि आपको कभी पैसे की कोई कमी न हो। ध्यान रखें चुने गए 21 चावल अखंडित हो यानि कोई एक भी दाना टूटा न हो। बता दें चावलों को पीला करने के लिए हल्दी में थोड़ा जल मिलाएं और फिर उस हल्दी को चावलों पर लगाकर कुछ देर सूखने के लिए रख दें। इसके बाद ही इन चावलों का उपयोग पोटली बनाने के लिए करें। ऐसा माना जाता है इस उपाय को करने से कुछ ही दिनों में धन लाभ होने लगता है और अगर किसी पर धन पर कोई खतरा आ भी रहा हो वो टल जाता है।