भारत ने चीन के सामने साफ कर दिया है कि आपसी सहमति वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा ही सरहद के अतिक्रमण का एकमात्र समाधान है। हालांकि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के समर्थन में नहीं है। भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने चीनी समकक्ष और पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल चांग वैंक्वॉन से अपनी मुलाकात के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत का पक्ष रखा।
भारत का कहना है कि सीमा के ठीक तरह से प्रबंधन के लिए LAC को वास्तविक रूप से चिह्नित किया जाना जरूरी है। मनोहर पर्रिकर ने कहा, ‘इसके बगैर सब कुछ हमारी मान्यताओं से चलता है और इसने कभी-कभी मुश्किलें भी बढ़ाई है।’ रक्षा मंत्री ने मौलाना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र न बैन लगवाने की भारतीयों कोशिशों पर चीन के वीटो को लेकर भी नाखुशी जताई।
पेइचिंग में भारतीय पत्रकारें से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र के मुद्दे पर हमें लगता है कि चीन की कार्रवाई सही दिशा में नहीं है। हमने इस मुद्दे को उनके सामने रखा है।’ पाकिस्तान में चीन के सिल्क रोड प्रोग्राम से उपजी चिंताओं को लेकर भी भारत ने कड़ा एतराज जताया है। इसके कामयाब होने का मतलब हिंद महासागर में चीन की पहुंच बन जाएगी।
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