Tuesday , March 19 2024 2:58 PM
Home / Hindi Lit / लघु कथा

लघु कथा

किसी की मजबूरी का फायदा ना उठायें

एक गरीब, एक दिन, एक सिक्ख के पास अपनी जमीन बेचने गया, बोला सरदार जी मेरी 2 एकड़ जमीन आप रख लो। सिक्ख बोला, क्या कीमत है? गरीब बोला, 50 हजार रुपये। सिक्ख थोड़ी देर सोच कर बोला, वो ही खेत जिसमें ट्यूबवेल लगा है? गरीब: जी. आप मुझे 50 हजार से कुछ कम भी देंगे, तो जमीन आपको दे …

Read More »

माथे की रेखा से जाना जिंदगी के 40 दिन हैं शेष, मृत्यु से पहले किया ये काम

दोष सिद्धि के लिए मजबूत इच्छाशक्ति जरूरी एक व्यक्ति चाहकर भी अपने दुर्गुणों पर काबू नहीं कर पा रहा था। एक बार उसके गांव में एक संत आए। उसने उनसे अपनी परेशानी बताई। संत ने कहा, ‘‘दृढ़ संकल्प से ही दुर्गुण छूटते हैं। यदि तुम इच्छाशक्ति मजबूत कर लोगे तो तुम्हें अपने दोषों से मुक्ति मिल जाएगी।’’ वह व्यक्ति प्रयास …

Read More »

कमाई का Use करने से पहले ध्यान रखें, रूकेगा धन और तिजोरी में टिकने लगेगा

एक व्यक्ति के पास पुश्तैनी बहुत सारा धन था। इस पर भी उसे संतोष नहीं था। किसी गरीब या जरूरतमंद की मदद करना तो दूर स्वयं भी ठीक से खाता-पीता नहीं था। पत्नी ने उसे कई बार समझाया भी कि पैसा जोडऩे की बजाय अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दो। गरीबों की मदद किया करो, उनकी दुआओं से तुम प्रसन्न …

Read More »

पसीने की कीमत

• दीपिका जोशी शहालपुर में नारायण नामका एक अमीर साहूकार रहता था। उसका एक बेटा और एक बेटी थी। लड़की की शादी हुए तीन साल हो गये थे और वह अपने ससुराल में खुश थी। लड़का राजू वैसे तो बुद्वू नहीं था लेकिन गलत संगत में बिगड सा गया था। अपने पिता के पास बहुत पैसा है यह उसे घमंड …

Read More »

त्राहि-त्राहि – इंसान

समूचा जन-समुदाय कलियुग की आपदायें सहता हुआ त्राहि-त्राहि कर रहा था। जन-समुदाय की करुण पुकार पर आसमान में एक छवि अंकित हुई और आकाशवाणी हुई- ‘‘तुम लोग कौन?’’ एक छोटे से समूह से आवाज उभरी-‘‘हिन्दू।’’ और आसमान से एक हाथ ने आकर उस हिन्दू समुदाय को आपदाओं से मुक्त कर दिया। अभी भी कुछ लोग त्राहि-त्राहि कर रहे थे। पुनः …

Read More »

अँधा कौन ?

• प्रतीक माहेश्वरी बचपन उस अंधे को देखकर यौवन हो गया था… जब अंकुर अपनी माँ के साथ मंदिर से बाहर आता तो उसे देख कर विस्मित हो जाता.. उसे दुःख होता… एक दिन वह अपने दुःख का निवारण करने उस अंधे के पास पहुंचा.. पहुंचा और बोला – “बाबा, अँधा होने का आपको कोई गम है?” अँधा बोला – “बेटा, …

Read More »

लघु कथा : त्राहि-त्राहि – इंसान

समूचा जन-समुदाय कलियुग की आपदायें सहता हुआ त्राहि-त्राहि कर रहा था। जन-समुदाय की करुण पुकार पर आसमान में एक छवि अंकित हुई और आकाशवाणी हुई- ‘‘तुम लोग कौन?’’ एक छोटे से समूह से आवाज उभरी-‘‘हिन्दू।’’ और आसमान से एक हाथ ने आकर उस हिन्दू समुदाय को आपदाओं से मुक्त कर दिया। अभी भी कुछ लोग त्राहि-त्राहि कर रहे थे। पुनः …

Read More »