Tuesday , December 23 2025 8:16 PM
Home / News / ब्राजील में मिले मांसाहारी डायनोसॉर की नई प्रजाति के 11.5 करोड़ साल पुराने जीवाश्म

ब्राजील में मिले मांसाहारी डायनोसॉर की नई प्रजाति के 11.5 करोड़ साल पुराने जीवाश्म


ब्राजील में वैज्ञानिकों ने डायनोसॉर से पैदा हुई एक नई प्रजाति के बारे में पता लगाया है। Aratasaurus museunacionali नाम की प्रजाति के 11.5 करोड़ साल पुराने जीवाश्व मिले हैं। इनके आधार पर रिसर्चर्स का कहना है कि ये प्रजाति T-Rex डायनोसॉर (टायरैनोसॉरस) से भी ज्यादा पुरानी रही होगी। इससे पहले इस क्षेत्र में कई जीवाश्म मिले हैं लेकिन डायनोसॉर के जीवाश्म पहली बार पाए गए हैं।
3.12 मीटर ऊंचे रहे होंगे
अरैटासॉरस मध्यम आकार के theropod (त्रिपदीय) थे जिनकी खोखली हड्डियां थीं और तीन डिजिट्स वाले हाथ-पैर थे। पेलियनटॉलजिस्ट जूलियाना सयाओ ने बताया है कि इस जानवर के जीवाश्म (Fossil) का वजन 34.25 किलो और लंबाई 3.12 मीटर रही होगी। अनुमान है कि इसकी मौत कम उम्र में हो गई थी। सयाओ ने कहा है कि इस खोज से वैज्ञानिकों को मांसाहारी थेरोपॉड (Carnivorous theropod) में विकास के इतिहास को समझा जा सकेगा।
मांसाहारी डायनोसॉर्स के राज खुलेंगे
इस खोज से यह भी पता चला है कि करोड़ों साल पहले इस क्षेत्र में मांसाहारी डायनोसॉर की दूसरी प्रजातियां भी रहती थीं। उन्होंने बताया है, ‘थेरोपॉड में भी अरैटासॉरस Ceolurosauria नाम के बड़े समूह का हिस्सा हैं जिनमें ब्राजील के डायनोसॉर Santanaraptor और मशहूर Tyrannosaurus, velociraptors और पक्षी भी शामिल हैं।
चांद पर बर्फ खोज रहे थे वैज्ञानिक, मिला ‘अनमोल’ खजाना
चांद हमारा सबसे नजदीकी पड़ोसी है और इंसानों को शायद सबसे ज्यादा जानकारी इसी के बारे में होगी। बावजूद इसके वैज्ञानिकों के सामने चांद की सतह से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई सामने आई है जिसकी उन्होंने कल्पना नहीं की थी। चांद के गड्ढों में बर्फ ढूंढ रहे वैज्ञानिक उस वक्त हैरान रह गए जब उन्हें वहां बर्फ से ज्यादा कुछ और मिला, जिससे न सिर्फ रहस्य का खुलासा होगा कि चांद कैसे बना बल्कि चांद और पृथ्वी के बीच कनेक्शन के तार भी सुलझेंगे।
ब्राजील-साउथ अमेरिका से जुड़े हो सकते हैं तार
अरैस्टासॉरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन जीवाश्म से पता लगता है कि इसके पूर्वज टायरैनोसॉरस के पूर्वजों से भी ज्यादा पुराने रहे होंगे। इनका इतिहास ब्राजील के उत्तरपूर्व और साउथ अमेरिका से जुड़ा हो सकता है। अभी भी इस बारे में पूरी जानकारी जुटाने के लिए काफी स्टडी की जानी बाकी है लेकिन इस खोज से यकीनन कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं।