वजन का संतुलित रहना बहुत जरूरी है। इसके बढ़ने पर दिल की बीमारी, डायबिटीज और कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। पुराने जमाने में भी लोग मोटे होते थे और इसके लिए कुछ घरेलू उपाय इस्तेमाल करते थे। यह उपाय काफी असरदार साबित होते थे, इन्हें आप भी आजमा सकते हैं।
मोटापा एक हजारों साल पुरानी बीमारी है। पुराने समय में भी इससे छुटकारा पाने के तरीके अजमाए जाते थे। यह उपाय काफी आसान और प्रभावशाली होते थे। भारत में पुराने लोग कुछ ड्रिंक्स का इस्तेमाल करते थे, जिन्हें शरीर की गंदगी निकालने वाला माना जाता था। टॉक्सिन को आम भाषा में पुराने वैद्य व आचार्य गंदगी कहते थे।
इसके लिए वो ऐसी सामग्रियों से ड्रिंक्स बनाते थे, जो बॉडी को डिटॉक्स करने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करती हैं। यह पुराने उपाय अभी भी बेहद असरदार साबित होते हैं। इनसे शरीर में जमा टॉक्सिन निकल जाते हैं और मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ने से शरीर जमे हुए फैट को एनर्जी में बदलकर कम कर देता है।
अदरक का काढ़ा –
एक अदरक का टुकड़ा लें।
इसे छीलकर टुकड़ों में काट लें।
अब इसे 1 गिलास पानी में उबालें।
जब पानी आधा रह जाए तो छानकर एक कप में कर लें।
इसमें स्वादानुसार काला नमक और नींबू रस मिलाकर खाली पेट पिएं।
आंवला का रस – 4-5 ताजे आंवला लें।
इन्हें काटकर टुकड़े कर लें।
फिर इनका रस निकाल लें।
इस रस को खाली पेट काला नमक डालकर पिएं।
जीरा-काली मिर्च पानी – 1 गिलास पानी को उबालने के लिए रखें।
इसमें 1 चम्मच जीरा और 3-4 काली मिर्च के कूटे हुए दाने डालें।
पानी को आधा होने तक पकने दें।
इसे उतारकर छानें और फिर पिएं।
शहद-नींबू पानी – यह बेहद लोकप्रिय उपाय है।
एक गिलास पानी को अच्छी तरह उबालें।
थोड़ा कम हो जाने पर पानी को गिलास में करें।
इसमें 1 नींबू का रस और आधा चम्मच शहद मिलाएं।
खाली पेट इसका सेवन करें।
गुनगुना पानी – वेट लॉस का यह सबसे आसान पुराना उपाय है।
पुराने लोग सुबह सबसे पहले 1 गिलास गुनगुना पानी पीते थे।
यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है, गंदगी निकालता है।
कब्ज के रोगियों के लिए भी यह असरदार उपाय है।