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5 चीजें जो एक लड़की का पिता हमेशा अपने दामाद से कहना चाहता है


​जब घर में बेटी का जन्म होता है, उसी वक्त से पिता अपनी बेटी की शादी के सपने संजोने लगता है। बेटी की अच्छी परवरिश, अच्छी पढ़ाई-लिखाई के लिए पिता हर संभव कोशिश करते हैं, ताकि उसे अपने जीवन में सफलता के साथ ही एक योग्य वर मिल सके। जिस तरह से एक पिता अपनी लाडली की हर छोटी-बड़ी चीज का ख्याल रखते हैं, उनकी कोशिश होती है कि शादी के बाद उसका पति भी उसी तरह से उनकी बेटी का ख्याल रखे। एक पिता जब अपनी लाडली का हाथ दामाद के हाथों में सौंपते हैं तो उसके साथ कई ऐसे भाव छिपे होते हैं, जिन्हें वे शब्दों में नहीं पिरो पाते हैं। भले ही ससुर मुंह से इन्हें न बोल सकें, लेकिन उनकी दिली इच्छा होती है कि वो अपने दामाद से ये 5 दिल की बातें जरूर साझा कर सकें।
बेटी का हमेशा ख्याल रखना – हर बेटी के पिता की इच्छा होती है कि शादी के बाद भी उनकी लाडली का ख्याल वैसे ही रखा जाए, जैसे अब तक मायके में रखा जाता रहा है। उनकी दिल से हमेशा यही चाहत रहती है कि उनकी बेटी कि हर जरूरत का जिस तरह से उन्होंने ख्याल रखा, वैसा ही ससुराल में भी रखा जाए। उसे किसी भी चीज के लिए तरसना न पड़े।
हर लड़की के पिता की बस यही एक उम्मीद रहती है कि वो जिस इंसान के हाथों में अपने कलेजे के टुकड़े को सौंप रहे हैं वो उनकी बेटी को ताउम्र उनकी तरह ही प्यार-स्नेह दे।
इज्जत और मान-सम्मान – हर पिता आशा करता है कि शादी के बाद ससुराल में उनका दामाद उनकी बेटी का अच्छे से ख्याल रखें। उसे प्यार करें। परिवार में उसकी इज्जत, मान-सम्मान का ख्याल उसी तरह से रखें, जैसे अपनी मां का रखता है।
अगर कोई उसकी पत्नी का अपमान करने की कोशिश करे, तो वो ढाल बनकर उसके सामने आ जाए। जिस तरह पिता अपनी बेटी के सम्मान पर आंच नहीं आने देते, उसी की अपेक्षा वो दामाद से भी करते हैं।
बेटी की खुशी का रखे ख्याल – हंसी-खुशी और पूरे साज-सज्जा के साथ धूमधाम से बेटी की शादी करने वाले पिता की बस यही इच्छा रहती है कि उसका दामाद उसकी लाडली के चेहरे की मुस्कान को दूर न होने दे। वो उसे हर उस चीज से बचाए, जो उसे दुखी करे, दिल को चोट पहुंचाए और आंखों में आंसू ले आए। हर पिता बस यही चाहता है कि उसकी बेटी का जीवनसाथी ऐसा हो, जो उसकी खुशई का वैसा ही ख्याल रखे, जैसा वो खुद हमेशा से रखते आए।
मायके से न तोड़े – पिता बेटी को पाल पोसकर बड़ा करते हैं और फिर शादी के बाद डोली में बिठाकर विदा कर देते हैं। शादी के बाद भी बेटी का रिश्ता मायके से बना रहे ये हर पिता की इच्छा होती है।
बेटी में माता-पिता की जान बसी होती है। ऐसे में अगर दामाद उसे उनसे काटने की कोशिश करे या फिर दूर कर दे, तो इसका दुख उनके लिए सहन कर पाना मुश्किल हो जाता है। हर पिता अपने दामाद से ये कहने की कोशिश करता है कि भले ही शादी हो जाए, लेकिन वो उनकी बेटी को उनसे दूर न करे।
दामाद नहीं बेटा बने – लड़की के पिता की इच्छा होती है कि उनका दामाद उनके लिए दामाद नहीं बल्कि बेटा बनकर रहे। वो उनकी इज्जत करें, उनका मान-सम्मान करें और जरूरत पड़ने पर उसी तरह से खड़ा हो, जैसे एक बेटा अपने माता-पिता के लिए खड़ा होता है। ससुर दामाद के साथ बेटे की तरह रहना पसंद करते हैं।