
कोरोना वायरस खौफ के चलते कई देशों ने अपनी सीमाएं सील कर दी हैं। चीन-रूस सीमा पर व्लादिवोस्तोक के पास नदी के बंदरगाह को भी बंद कर दिया गया है। इसके अलावा चीन और रूस सीमा पर 59 लोगों में कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद दोनों देशों ने अपनी सीमा को भी सील कर दिया है। दोनों देशों द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद चीनी नागरिक क्रासिंग के जरिए अपने घर लौट रहे हैं। व्लादिवोस्तोक में चीनी वाणिज्य दूतावास की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए नोटिस के मुताबिक मंगलवार से सीमा पर रूसी घरेलू उड़ानों में सवार होने वाले सभी चीनी नागरिकों को 14 दिन की क्वारंटाइन में रखा गया है।
नोटिस में कहा गया है कि इसके अलावा सभी गेस्टहाउस, नर्सिंग होम 1 जून से बाहरी लोगों के लिए बंद कर दिया जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि केवल विशेष पास रखने वालों को सीमा क्षेत्र के रूसी पक्ष में यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं था कि पास धारक चीन में पार कर पाएंगे या नहीं। नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) के मुताबिक देश में अब तक 3,331 लोगों की मौत हुई है और 81,470 लोग संक्रमित हैं। संक्रमित लोगों में से 1,242 का अब भी इलाज चल रहा है, जबकि 77,167 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एनएचसी ने सोमवार को उन 30 लोगों की सूची जारी की, जो कोरोना पॉजिटिव तो हैं, लेकिन उनमें लक्षण नहीं दिखाई दे रहे।
इनमें से नौ लोग विदेश से आए हैं। बिना लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित मरीजों से बड़ी संख्या में संक्रमण फैलने का अंदेशा रहता है। ऐसे 1033 मरीज अब भी डॉक्टरों की निगरानी में हैं। चीन ने सोमवार को पहली बार कोरोना वायरस संक्रमण की टाइमलाइन जारी की। 38 पेज की इस टाइमलाइन में कहा गया है कि इस वायरस का पता पहली बार वुहान में पिछले साल दिसंबर में लगा था। उस समय एक व्यक्ति में अज्ञात कारणों के चलते निमोनिया होने का पता चला था। वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन लंबे समय से पूरी दुनिया के निशाने पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप तो कोरोना वायरस को चीनी वायरस तक कह चुके हैं।
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