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नवाज शरीफ अल अजीजिया केस में भी बरी, फिर भी नहीं लड़ सकते पाकिस्तान में चुनाव, मामला क्या है?


इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया। अदालत का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब अगले चुनाव में उनकी नजरें प्रधानमंत्री के तौर पर रिकॉर्ड चौथे कार्यकाल पर टिकी हैं। लेकिन, नवाज शरीफ के चुनाव लड़ने में अब भी एक बड़ी बाधा बची हुई है। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने दिसंबर 2018 में सात साल की जेल की सजा सुनाई थी और उन पर भारी जुर्माना लगाया था। अदालत ने शरीफ की यह दलील स्वीकार नहीं की थी कि 2001 में उनके पिता की सऊदी अरब में स्थापित स्टील मिल से उनका कोई लेना-देना नहीं था।
एवेनफील्ड मामले में पहले ही बरी हो चुके हैं नवाज – इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अल-अजीजिया मामले में शरीफ को बरी कर दिया। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सीजे) आमेर फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने अल-अजीजिया मामले में उनकी सजा के खिलाफ नवाज की अपील पर सुनवाई करते हुए फैसले की घोषणा की। उन्हें एवेनफील्ड मामले में पहले ही बरी कर दिया गया था, जिसमें उन्हें जुलाई 2018 में दोषी ठहराया गया था और दस साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में भी राहत मिली, जिसमें उन्हें 2018 में अदालत द्वारा निर्दोष करार दिया गया था, लेकिन बरी किए जाने को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
निर्वासन में रहते हुए नवाज ने बनाई थी मिल – वर्ष 1999 में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ द्वारा शरीफ की सरकार को गिराने और उनके परिवार को देश से बाहर करने के बाद मिल की स्थापना के समय शरीफ सऊदी अरब में निर्वासन में रह रहे थे। शरीफ के बेटे हुसैन नवाज मिल के प्रशासनिक प्रमुख थे। नवाज शरीफ, एकमात्र पाकिस्तानी राजनेता हैं, जो रिकॉर्ड तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। वह फरवरी 2024 में होने वाले आम चुनावों में अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अक्टूबर में देश लौट आए। नवाज की जगह पर उनकी पार्टी का नेतृत्व शहबाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज कर रही थीं।