
लंदन:ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने छह महीने पहले जब पदभार संभाला था तो उनको काफी सराहा गया था,लेकिन अब ब्रेग्जिट को लेकर उनकी आेर से कोई फैसला नहीं किए जाने की स्थिति को लेकर अब उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
यूरोपीय संघ के साथ ब्रिटेन के भविष्य को लेकर बातचीत के लिए विस्तृत रणनीति बनाने से टेरीजा के इंकार की वजह से सभी पक्षों के नेताओं के बीच यह संदेह पैदा हो गया है कि प्रधानमंत्री के पास कोई विस्तृत योजना नहीं है,लेकिन यह प्रतीत होता है कि ब्रिटिश जनता को अपने नेता में अब भी विश्वास है। मे ने बीते साल 13 जुलाई को सत्ता संभलाते हुए स्थिरता का वादा किया था।
ब्रेग्जिट के तत्काल बाद बने हालात के बीच उन्हें ब्रिटेन का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया था। धीरे-धीरे उनकी आलोचना होने लगी।पूर्व उप प्रधानमंत्री निक क्लेग कहते हैं,‘‘मैंने उनमें कल्पनाशीलता लचीलापन या नजरिया नहीं देखा जो एक प्रधानमंत्री में होनी चाहिए।’’प्रधानमंत्री मे ने रविवार को एक अखबार में लेख के माध्यम से ‘एकीकृत’ समाज के अपने नजरिए को फिर से पेश करते हुए वादा किया कि उनकी सरकार समाज के हर स्तर पर वास्तविक सामाजिक सुधार को लागू करेगी।हालांकि उन्होंने किसी नीति का उल्लेख नहीं किया ।
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