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बात समझने की बजाय चिल्‍लाने लगता है बच्‍चा, तो इन ट्रिक्‍स से उसके दिमाग में बिठाएं अपनी बात


कई बार मां-बाप और बच्‍चों की राय एवं विचार अलग हो जाते हैं और इस चक्‍कर में दोनों के बीच टकराव पैदा होने लगता है। पैरेंट्स की शिकायत रहती है कि बच्‍चे उनका नजरिया नहीं समझते हैं और उनसे बहस करने लगते हैं। अगर आप भी पैरेंट हैं और आपके बच्‍चे भी समझदार हो गए हैं, तो आप भी इस बात को बखूबी समझते होंगे कि बच्‍चों को अपनी बात समझाना कितना मुश्किल होता है।
हालांकि, ऐसे कुछ तरीके मौजूद हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्‍चे को अपना नजरिया समझा सकते हैं और उसे बता सकते हैं कि आप उससे क्‍या कहना चाह रहे हैं या आप गलत क्‍यों नहीं हैं। तो चलिए जानते हैं उन तरीकों के बारे में जिनकी मदद से आप अपने बच्‍चे को अपनी बात समझा सकते हैं।
दोनों के बीच ब्रिज बनाएं – आपको सबसे पहले अपने और अपने बच्‍चे के बीच में मजबूत इमोशनल ब्रिज बनाना है। आप आई कॉन्‍टैक्‍ट, सिर हिलाकर और हां मैं समझ रहा हूं, ऐसी छोटी-छोटी चीजों से बच्‍चे को दिखा सकते हैं कि आप उसकी बात सुन र‍हे हैं। गले लगाना, किस करने से भी आपका प्‍यार बच्‍चे तक पहुंच सकता है। इससे बच्‍चे और पैरेंट के बीच भरोसा पैदा होता है।
सकारात्‍मक बातचीत करें – मने ऐसे शब्‍दों का इस्‍तेमाल करने से बचना है जिसमें उसे लगे कि आप अपना बचाव कर रहे हैं। इसके बजाय सकारात्‍मक बातचीत रखें। उसे डांटने के बजाय उससे कहें कि अपना कमरा साफ रखने के लिए तुम्‍हे क्‍या चाहिए? इससे आपके बच्‍चे पर प्रभाव पड़ेगा और वो काम करना शुरू करेगा।