यूक्रेन युद्ध के बीच रूस और चीन के बीच रिश्ते अपने चरम पर पहुंचते दिखाई दे रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दोनों के देशों के बीच दोस्ती को बिना कोई लिमिट वाली भागीदारी करार दिया है। पुतिन और शी जिनपिंग के इस दावे की अब पोल खुल गई है। साल 2008 से 2014 के बीच में रूस के युद्ध प्लान लीक हो गए हैं और इससे दोनों देशों के बीच गहरे अविश्वास का खुलासा हुआ है। हजारों की तादाद में परमाणु बम से लैस रूस को डर सता रहा है कि चीन उनके फार ईस्ट इलाके में हमला करके उस पर कब्जा कर सकता है।
फाइनेंसियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी युद्ध योजना के कुछ दस्तावेजों से यह भी खुलासा हुआ है कि चीन कजाखस्तान के रास्ते भी रूस के साइबेरिया और यूराल इलाके पर हमले की शुरुआत कर सकता है। इस युद्ध योजना को साल 2008 से 2014 के बीच में रूसी सैन्य अधिकारियों ने लिखा था। इससे चीन के इरादों को लेकर रूसी सेना के लंबे समय से चले आ रहे डर पर बड़ा खुलासा हुआ है। रूस चीन के इस इरादे को पूरी तरह से भांप चुका है और इसी वजह से वह ड्रैगन के संभावित हमले के लिए युद्ध रणनीति बनाकर तैयारी कर रहा है।
चीन के हमले पर क्या कहती है रूसी सेना? – इन दस्तावेजों से यह भी खुलासा हुआ है कि रूस की सेना चीन पर बहुत ज्यादा संदेह करती है। हालांकि यह दस्तावेज तब लिखे गए थे जब यूक्रेन युद्ध शुरू नहीं हुआ था जिसके बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में काफी बदलाव आया है। रूसी सैन्य दस्तावेज में कहा गया है, ‘युद्ध की सूरत में चीन अपनी सीमा से लगे रूस के फार ईस्ट इलाके में प्रदर्शन शुरू करा सकता है। इसके बाद चीन चुपके से तोड़फोड़ करने वालों को रूसी इलाके में भेज देगा जो पुतिन की सेना के ठिकानों पर चुपके से हमले करने शुरू कर देंगे। जब यह तनाव अपने चरम पर पहुंच जाएगा, इसके बाद चीन अपनी सेना को सीमा पर तैनात कर देगा और रूस पर ‘नरसंहार’ का आरोप लगाएगा।
Home / News / रूस के गैस से भरे इलाके पर कब्जा करना चाहता है चीन, खौफ में रहती है पुतिन सेना, लीक प्लान से बड़ा खुलासा