Friday , August 8 2025 4:12 PM
Home / News / एक चौथाई सदी गुजर गई, अब और इंतजार नहीं किया जा सकता… UN में सुधार के मुद्दे पर भारत ने भरी हुंकार

एक चौथाई सदी गुजर गई, अब और इंतजार नहीं किया जा सकता… UN में सुधार के मुद्दे पर भारत ने भरी हुंकार


भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सुधार की मांग कर रहा है। एक बार फिर भारत ने इस मुद्दे को उठाया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने UNSC के तत्काल सुधारों की अनिवार्य आवश्यक्ता पर जोर दिया। सुरक्षा परिषद के सुधारों पर लंबी और धीमी चर्चा पर कंबोज ने निराशा जताई। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि साल 2000 में मेलनियम समिट के दौरान वैश्विक नेताओं ने यूएन में सुधार पर प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन लगभग एक चौथाई सदी निकलने के बाद भी इस पर आम सहमति नहीं बन सकी है।
उन्होंने कहा यूएन में सुधारों की देरी पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘सुरक्षा परिषद के सुधारों पर चर्चा 1990 के दशक की शुरुआत से एक दशक से भी पहले से जारी है। दुनिया और हमारी आने वाली पीढ़ियां अब और इंतजार नहीं कर सकतीं। उन्हें और कितना इंतजार करना होगा?’ दुनिया संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ और इस सितंबर में एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन के करीब पहुंच रही है। कंबोज ने युवा पीढ़ी की आवाज पर ध्यान देने और विशेष रूप से अफ्रीका में ऐतिहासिक अन्याय को संबोधित करने के महत्व पर जोर देते हुए यूएन के सुधारों में ठोस प्रगति का आग्रह किया।
यथास्थिति से बढ़ेगी असमानता – कंबोज ने सिक्योरिटी काउंसिल की याथास्थिति बनाए रखने के खिलाफ चेतावनी देते हुए अधिक समावेशी दृष्टिकोण का प्रस्ताव दिया। इसमें उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सुरक्षा परिषद का विस्तार को केवल गैर-स्थायी सदस्यों तक सीमित रखने से इसकी संरचना में असमानता बढ़ने का खतरा होगा। उन्होंने सदस्यों के जरिए प्रतिनिधित्व बढ़ाने से इसपर लोगों के विश्वास का भी जिक्र किया। वीटो पॉवर के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए कंबोज ने जोर देकर कहा कि इसे सुधार प्रक्रिया में बाधा नहीं बनना चाहिए।
वीटो के मुद्दे पर क्या कहा? – कंबोज ने रचनात्मक बातचीत के लिए वीटो मुद्दे पर लचीलेपन की वकालत की और प्रस्ताव दिया कि जो भी नए सदस्य बनें उन्हें समीक्षा का निर्णय होने तक वीटो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी कहना चाहती हूं कि नए स्थायी सदस्यों के पास वर्तमान के स्थायी सदस्यों के समान की जिम्मेदारियां और दायित्व होंगे, लेकिन वे वीटो का प्रयोग तब तक नहीं करेंगे जब तक की एक रिव्यू के जरिए इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता।’