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किस्से-कहानियों में रह जाएगा केला, दुनिया से खत्‍म हो जाएगा ये शानदार फल, वैज्ञानिकों की चेतावनी ने डराया


जब औसत तापमान, बारिश, बर्फबारी जैसे मौसम के आयामों में दीर्घकालिक बदलाव आने लगते हैं, तो इसे जलवायु परिवर्तन कहते हैं। धरती के तापमान में बढ़ोतरी और बारिश की औसत मात्रा में बदलाव बीते कुछ दशकों में चुनौती बने हैं। इसका सीधा असर फलों पर देखने को मिल रहा है।
रोम: केला भारत और दुनिया के कई देशों में बहुत ज्यादा खाए जाने वाले फलों में शुमार होता है। केला बहुत से लोगों के लिए नियमित खानपान का हिस्सा है लेकिन आने वाले समय में हो सकता है कि केला बाजार और घरों से गायब हो जाए। ऐसी आशंका वर्ल्ड बनाना फोरम के एक्सपर्ट ने जाहिर की है। फोरम में वरिष्ठ अर्थशास्त्री पास्कल लियू ने कहा है कि तेजी से फैल रही बीमारियों और जलवायु परिवर्तन से केले की सप्लाई चेन को बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि लगता है जलवायु परिवर्तन वास्तव में केले के लिए एक बड़ा खतरा बनने जा रहा है।
आजइंग्लिश डॉट टीवी की खबर के मुताबिक, फलों से संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए विश्व केला फोरम (वर्ल्ड बनाना फोरम) की बैठक मंगलवार को इटली के रोम में हुई है। फोरम में विशेषज्ञों ने बताया कि केले को लोगों के बीच सबसे पसंदीदा और दुनिया का सबसे अधिक निर्यात किया जाने वाला फल है लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इसकी कीमत बहुत अधिक हो जाएगी। एक्सपर्ट ने माना कि पिछले सप्ताह समुद्री तूफान के कारण माल आने में देरी हुई। इससे ब्रिटेन के बाजार को केले की कमी का सामना करना पड़ा। इस तरह की चीजें विश्व के दूसरे हिस्से में भी देखने को मिल सकती हैं।
‘केला आसानी से खराब नहीं होता लेकिन ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित’ – एक्सपर्ट ने कहा कि केले में मौसम की असफल चुनौतियों पर काबू पाने की शक्ति होती है। ये जल्दी से खराब नहीं होता है लेकिन ग्लोबल वार्मिंग का केले पर भी प्रभाव पड़ रहा है। केला बढ़ते तापमान के प्रति संवेदनशील है जो सबसे खतरनाक कवक, फ्यूसेरियम विल्ट टीआर 4 में से एक को फैला सकता है । ये ऑस्ट्रेलिया, एशिया और अफ्रीका तक चला गया है और अब दक्षिण अमेरिका में भी फैल रहा है। एक बार जब ये बामारी किसी बागान में लग जाती है तो एक-एक कर पेड़ों को नष्ट करती है और इसे हटाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।