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मालदीव छिपा रहा तुर्की से खरीदे किलर ड्रोन की जानकारी? RTI में किया इनकार, विपक्ष उठा चुका है मुइज्जू पर सवाल


माले: मालदीव ने हाल ही में तुर्की से ड्रोन खरीदे हैं। मालदीव की सत्ता में आने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने तुर्की से समझौता किया है। अब मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने इससे जुड़ी डिटेल का खुलासा करने से इनकार कर दिया है। मालदीव के जल क्षेत्र में गश्त के लिए तुर्की से यह ड्रोन खरीदा गया है। मफारू हवाई अड्डे पर यह ड्रोन मौजूद हैं। ड्रोन की उड़ान वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। ड्रोन को संचालित करने के लिए हवाई अड्डे के हैंगर को अस्थायी रूप से मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) को गैरेज के रूप में सौंपा गया है।
चीन के करीबी मोहम्मद मुइज्जू मालदीव सत्ता में आए हैं। मुइज्जू की सरकार ने तुर्की की बायरकतार कंपनी से 37 मिलियन डॉलर में ड्रोन खरीदने पर सहमति जताई। इसके लिए मुइज्जू सरकार ने राज्य आकस्मिक बजट का इस्तेमाल किया। मालदीव के मीडिया आउटलेट अधाधू ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने समझौते से जुड़े विवरण साझा करने से इनकार कर दिया।
क्या बोला मालदीव का रक्षा मंत्रालय – मंत्रालय ने जवाब में कहा, ‘डिफेंस फोर्स में जोड़े गए ऐसे उपकरणों की डिटेल का खुलासा नहीं किया जा सकता। क्योंकि यह MNDF को सौंपी गई जिम्मेदारी को पूरा करने में हस्तक्षेप कर सकता है।’ मंत्रालय ने ड्रोन और उन्हें बनाने वाली कंपनी के बारे में ज्यादा जानकारी देने से भी इनकार कर दिया। हालांकि यह जानकारी पहले ही सार्वजनिक हैं। मालदीव के जलक्षेत्र की निगरानी के लिए लाए गए इन ड्रोन का संचालन शुरू करने के लिए शुक्रवार को मफारू में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
विपक्ष ने उठाए सवाल – मालदीव में इस ड्रोन की खरीद पर विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने सवाल खड़े किए हैं। MDP ने तुर्की के साथ इस ड्रोन समझौते को लेकर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। एमडीपी ने इस सौदे को जल्दबाजी वाला और संदिग्ध बताया है। तुर्की की कंपनी बायरकतार से यह ड्रोन खरीदा गया, जिसके मालिक राष्ट्रपति एर्दोगन के दामाद हैं। यह ड्रोन भारत से सीमा की निगरानी के लिए लिया गया है। हालांकि संसदीय चुनाव से पहले यह सौदा उनके लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है।