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रूस-यूक्रेन का युद्ध होगा खत्म? जून में स्विट्जरलैंड में हो सकती है कॉन्फ्रेंस, भारत की होगी अहम भूमिका


बर्न: रूस और यूक्रेन के युद्ध को दुनिया रोकना चाहती है। इसके लिए स्विट्जरलैंड ने गुरुवार को घोषणा की है कि वहा देश के प्रमुखों के स्तर पर एक सम्मेलन की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखता है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की ओर से मांग किए जाने के लगभग तीन महीने बाद ऐसा हो रहा है। इस कॉन्फ्रेंस का लक्ष्य बातचीत के लिए एक उच्च स्तरीय मंच प्रदान करना है ताकि अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आधार पर यूक्रेन के लिए एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति तक पहुंचा जा सके। मध्य स्विट्जरलैंड में लेक ल्यूसर्न के ऊपर बर्गेनस्टॉक होटल में 15-16 जून को इस कॉन्फ्रेंस की तारीख प्रस्तावित हैं।
यह तारीख खास है, क्योंकि 13-15 जून तक इटली में जी-7 नेताओं का शिखर सम्मेलन होना है। इस वजह से ज्यादा से ज्यादा उपस्थिति की उम्मीद है। इस शांति सम्मेलन में भारत भी आमंत्रित है। स्विस विदेश मंत्री इग्नाजियो कैसिस ने 5 फरवरी को भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने भारत के शामिल होने की उम्मीद जताई थी। इसके बाद मार्च में जेलेंस्की ने पीएम मोदी के साथ फोन पर बात की। बाद में सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत को निमंत्रण देने के लिए यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा की यात्रा हुई।
यूक्रेन ने की थी सम्मेलन की मांग – स्विस सरकार ने कहा, ’15 जनवरी को राष्ट्रपति जेलेंस्की की बर्न यात्रा के दौरान स्विट्जरलैंड और यूक्रेन ने शांति की दिशा में अगले कदमों पर चर्चा की। यूक्रेन के अनुरोध पर स्विट्जरलैंड एक हाई लेवल सम्मेलन की मेजबानी करने पर सहमत हुआ। जून 2024 में स्विट्जरलैंड संभवतः यूक्रेन की शांति पर बातचीत से जुड़ी चर्चा का अवसर प्राप्त करेगा।’ बयान में कहा गया, ‘शिखर सम्मेलन का उद्देश्य आम समझ और शांति प्रक्रिया के लिए एक ठोस रोडमैप बनाना है। इस सम्मेलन का आयोजन करके स्विट्जरलैंड यूरोप और दुनिया में अधिक सुरक्षा और स्थिरता में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।’
क्या कहता है रूस – बयान के मुताबिक राष्ट्राध्यक्षों के स्तर पर लगभग 120 देशों को आमंत्रित किया जाएगा। जेलेंस्की ने उम्मीद जताते हुए कहा कि 80 से 100 देश ऐसे होंगे जो कम से कम रूस को निष्पक्ष शांति के लिए मजबूर करने की कोशिश करने में सक्षम होंगे। उन्होंने यह भी माना कि उनके पास अभी तक इन देशों से जुड़ी कोई स्पेशल सूची नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम इस बात पर सहमत होंगे कि आने वाले दिनों में शांति कैसे होगी।’ रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि यूक्रेन की लड़ाई खत्म करने से जुड़ी चर्चा तभी सफल हो सकती है, जब रूस के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। वहीं पुतिन कहते रहे हैं कि जब तक रूस के लक्ष्य पूरे नहीं होंगे तब तक शांति नहीं होगी। हालांकि अमेरिकी चुनाव प्रचार के कारण बाइडेन, जिनपिंग और पुतिन की भागीदारी पर सवालिया निशान हैं। 4 जून को भारत में चुनावों के परिणाम आएँगे। इसके बाद ही आगे का रुख तय होगा।