
भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अरबों डॉलर के निवेश के बीच ताइवान ने बड़ा बयान दिया है। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि भारत सेमीकंडक्टर बनाने के मामले में चीन की जगह ले सकता है। उन्होंने कहा कि चीन हाईटेक प्रॉडक्सन के मामले में एक विश्वसनीय पार्टनर नहीं रहेगा। ताइवानी विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है जब ताइवानी कंपनी पीएसएमसी और टाटा ग्रुप ने भारत के गुजरात राज्य के धोलेरा में पहले सेमीकंडक्टर फैब के लिए अरबों डॉलर का निवेश शुरू किया है। यही नहीं ताइवान की कंपनियों ने भारत में करोड़ों डॉलर का निवेश किया है।
जोसेफ वू ने कहा, ‘लोगों को अब यह समझ आने लगी है कि चीन हाईटेक प्रॉडक्शन के मामले में विश्वसनीय पार्टनर नहीं रहेगा और इसी वजह से वे अब एक विकल्प की तलाश कर रहे हैं। जब लोग लोकतांत्रिक देश भारत की ओर देखते हैं तो वह एक विश्वसनीय पार्टनर नजर आता है और कुशल इंजीनियर तथा कामगार मुहैया कराता है। ऐसे में भारत में निवेश करना या भारतीय इलेक्ट्रोनिक्स या निर्माण करना एक व्यवहार्य विकल्प है।’ वियान टीवी को दिए साक्षात्कार में जोसेफ वू ने भारत में चुनाव से ठीक पहले भ्रामक सूचना अभियान चलाए जाने पर चेतावनी दी।
ताइवान में काम कर सकेंगे भारतीय कामगार – ताइवानी विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा, ‘भारत चुनाव के दौर से गुजर रहा है और मुझे पूरा विश्वास है कि चीन ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करेगा जो भारतीय लोगों की सोच को बदल सकता है।’ ताइवान और भारत के बीच हाई लेवल के घटनाक्रम हुए हैं। इसमें मोबिलिटी पैक्ट शामिल है। इस पैक्ट के तहत भारत के कामगार ताइवान की यात्रा कर सकते हैं और वहां पर काम कर सकते हैं। इससे ताइवान की भी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। वहीं ताइवान अब मुंबई में भी अपना एक ऑफिस खोलने पर काम कर रहा है।
Home / News / ‘नए तेल’ के क्षेत्र में चीन की जगह ले सकता है भारत, ताइवान के विदेश मंत्री का बड़ा बयान, जानें पूरा मामला
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