
म्यांमार में विद्रोहियों और सेना के बीच लगातार संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इस बीच विद्रोहियों के एक हमले में जुंटा के ब्रिगेडियर-जनरल सो मिन थाट मारे गए हैं। म्यांमार में सैन्य शासन वाली सेना के लिए यह एक बड़ा झटका है। म्यावाडी में वह फा सॉन्ग कैंप की 275वीं इन्फैंट्री बटालियन के कमांडर थे। थाईलैंड और म्यांमार की सीमा के पास यह इलाका मौजूद है। सशस्त्र जातीय समूहों ने ड्रोन का इस्तेमाल करके थाई-म्यांमार सीमा चौकी के पास म्यांमार के सैनिकों के खिलाफ हवाई अभियान शुरू किया है। इसमें सेना के कई सैनिक मारे गए।
ब्रिगेडियर-जनरल सो मिन थाट का कैंप रिम मोई गांव में था। एशिया न्यूज नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि वह एक ऐसे क्षेत्र में थे, जहां दुश्मन को बढ़त थी, फिर भी उन्होंने दुश्मन के सामने घुटने नहीं टेके। उन्हें दुश्मनों ने ड्रोन के जरिए निशाना बनाया। म्यांमार का सैन्य शासन थाई-म्यांमार सीमा समिति के जरिए समन्वय करके जनरल के अवशेषों को माई सोत जिले में वापस भेजने का अनुरोध कर सकता है। जुंटा से लड़ने वाले म्यांमार के विद्रोहियों का कहना है कि उन्होंने सीमा के करीब अंतिम सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया है।
200 सैनिकों ने छोड़ा बेस – करेन नेशनल यूनियन (KNU) के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि लगभग 200 सैनिकों ने दक्षिणपूर्वी शहर म्यावाडी में अपना बेस छोड़ दिया। KNU के प्रवक्ता सॉ ताव नी ने कहा, ‘आधिकारिक तौर पर कल रात से म्यावाड्डी शहर पर हमारा नियंत्रण है।’ थाईलैंड के माई सॉट के यह सामने स्थित है, जिसमें लगभग दो लाख लोग रहते हैं। यहां के बॉर्डर पर जुंटा का कब्जा था, जो व्यापार और खाने-पीने की चीजों के ट्रेड के लिए महत्वपूर्ण है।
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