
नेपाल को कर्ज जाल में फंसाने की कोशिश में लगे चीन की पोल खुलने के बाद अब वह दबाव में आ गया है। चीन ने ऐलान किया है कि वह 1 मई नेपाली यात्रियों के लिए वीजा फीस को खत्म कर रहा है। यही नहीं चीन ने नेपाल के दो नए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पोखरा और भैरहवा में वाणिज्यिक उड़ान को शुरू करने का ऐलान किया है। यह वही एयरपोर्ट हैं जिन्हें चीन की मदद से बनाया गया है। इन दोनों ही एयरपोर्ट को बने कई महीने हो गए हैं लेकिन अभी तक एक भी व्यवसायिक उड़ान नहीं हुई है। नेपाल ने इसके लिए करोड़ों डॉलर का लोन भी चीन से ले रखा है लेकिन ये एयरपोर्ट उसके लिए सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।
नेपाल को अब चीन का कर्ज लौटाना है लेकिन कोई भी व्यवसायिक उड़ान नहीं आने से उसे कोई कमाई नहीं हो रही है। इसको लेकर नेपाल ने कई बार चीन से गुहार लगाई थी लेकिन अब तक कुछ खास नहीं हो सका है। चौतरफा किरकिरी के बाद अब आखिरकार चीन ने ऐलान किया है कि वह इन दोनों ही एयरपोर्ट पर व्यवसायिक उड़ान को भेजेगा। चीन के इंटरनैशनल डिवेलपमेंट कार्पोरेशन एजेंसी के चेयरमैन लूओ झाओहुई ने काठमांडू में हुए नेपाल निवेश शिखर सम्मेलन में यह ऐलान किया है।
चीन से पैसा लेकर नेपाल ने बनवाया एयरपोर्ट – लूओ ने कहा कि चीन नेपाल में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निवेश करता रहेगा ताकि ट्रांस हिमालय कनेक्टविटी को क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘एयर और रोड लिंक तथा बॉर्डर चेकप्वाइंट पर सब सही जा रहा है। सीमा पार तक रेलवे लाइन बनाने और क्रास बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन के लिए अध्ययन किया जा रहा है। लूओ ने कहा कि चीन की सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है जिससे नेपाल के दो नए इंटरनैशनल एयरपोर्ट पोखरा और लुंबिनी से नई उड़ानों को शुरू किया जा सके। इसी दौरान उन्होंने बताया कि 1 मई से नेपाली लोगों को चीन के वीजा के लिए कोई फीस नहीं देना होगा।
एयरपोर्ट के लिए लिया था कर्ज, अब उसे ग्रांट में बदलने को बोला जा रहा है
नेपाल के पोखरा इंटरनैशनल एयरपोर्ट को 21 करोड़ 60 लाख डॉलर का खर्च हुआ है। यह पैसा चीन ने नेपाल को दिया हुआ है। वहीं भैरहवा एयरपोर्ट को भी चीन के ठेकेदार ने ही बनाया है। इसे मई 2022 में शुरू किया गया था और इसे बनाने में 4 साल का समय लगा था जो तय समय से काफी ज्यादा था। नेपाल को उम्मीद थी कि इन दोनों ही एयरपोर्ट के बनने पर टूरिस्ट की संख्या बढ़ेगी और नेपाल को जमकर कमाई होगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दरअसल, भारत के विरोध के बाद भी नेपाल ने पोखरा एयरपोर्ट को चीन की मदद से बनाया जो नई दिल्ली को रास नहीं आया।
भारत ने खोल दी चीन के झूठ की पोल – भारत ने साफ कर दिया है कि वह इन ‘चीनी’ एयरपोर्ट को कोई हवाई रास्ता नहीं देगा। भारत अगर हवाई रास्ता नहीं देता है तो जो भी कोई एयरलाइन आएगी उसे काफी महंगा पड़ेगा। इस बीच भारत ने ऐलान किया है कि वह हाइड्रो पावर डील के जरिए नेपाल को समृद्ध बनाएगा। यही नहीं भारत ने चीन के उस दावे की हवा निकाल दी कि बीजिंग नेपाल में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कर रहा है। भारत ने बताया कि नेपाल का 33 फीसदी एफडीआई भारत से आया है जो करीब 89 अरब रुपये है।
Home / News / नेपाल में खुली चीन की पोल तो दबाव में आया ड्रैगन, पोखरा एयरपोर्ट पर लैंड करेंगी फ्लाइट, भारत भी ऐक्शन में
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