पाकिस्तान आज भले ही कंगाली की हालत में है और दुनिया के सामने भीख का कटोरा लेकर घूम रहा है लेकिन परमाणु बम पर गर्व करने से नहीं भूलता। पाकिस्तान ने 1998 में आज ही के दिन यानी 28 मई को परमाणु बम का सफल परीक्षण किया था। इस खुशी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश में राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा की है। एक बयान में उन्होंने कहा कि 28 मई एक दिन को याद करने से कहीं ज्यादा है। 28 मई को ‘यौम-ए-तकबीर’ बताते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिन पूरे देश ने संकल्प लिया था कि किसी भी तरह के दबाव को स्वीकार करके देश की रक्षा और अखंडता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान की इस उपलब्धि के साथ ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का कहा भी सच हो गया जो उन्होंने देश के परमाणु कार्यक्रम को लेकर कहा था।
शहबाज शरीफ ने कहा, ‘इस ऐतिहासिक दिन 1998 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए दबाव और प्रलोभनों को नकार कर साहसिक नेतृत्व का प्रदर्शन किया था।’ उन्होंने कहा, ‘यौम-ए-तकबीर राजनीतिक और रक्षा बलों को देश की सुरक्षा के लिए एक झंडे, हरे अर्द्धचंद्राकार झंडे के नीचे एकजुट होने की याद दिलाता है।’
शहबाज ने भुट्टो को भी किया याद – पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को भी याद किया। शहबाज ने एक्स पर लिखा, ‘मैं पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के संस्थापक प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को उनकी रणनीतिक दूरदर्शिता और इस उद्देश्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’ ये वि़डंबना ही है कि शहबाज शरीफ जिसे पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का क्रेडिट दे रहे हैं, उसी भुट्टो को पाकिस्तानी सेना ने फांसी पर लटका दिया था।
घास खाकर बनाएंगे परमाणु बम – पाकिस्तान ने 1998 में परमाणु ताकत बना था लेकिन भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण 1974 में ही कर लिया था। भारत के परमाणु परीक्षण करने के बाद पाकिस्तान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर काम शुरू किया। इसके पहले 1965 में जब भुट्टो पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे, उन्हें भारत के परमाणु कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिली थी। उस समय भुट्टो ने कहा था, ‘अगर भारत परमाणु बम बनाता है तो पाकिस्तान भले ही घास या पत्तियां खाए, चाहे भूखा ही रहे लेकिन हम अपना एक (परमाणु बम) हासिल करेंगे।’ हालांकि, भुट्टो की इस घोषणा के बाद पाकिस्तान को परमामु बम हासिल करने में 3 दशक लग गए। इसके साथ ही भुट्टो का कहा भी सच हो गया। पाकिस्तान आज सच में भूखा है। लोगों को राशन देने के लिए वह आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं का मुंह ताकता रहता है।
दुनिया का सबसे गरीब परमाणु शक्ति संपन्न देश – पाकिस्तान आज परमाणु शक्ति संपन्न देशों तो है लेकिन यह परमाणु हथियार रखने वाला दुनिया का सबसे गरीब देश है। पाकिस्तान को ये परमाणु बम भी अपनी क्षमता से नहीं हासिल हुआ, बल्कि इसके लिए उसे चोरी और जासूसी का गुप्त नेटवर्क तैयार करना पड़ा। एक्सपर्ट कहते हैं कि चीन की मदद के बिना पाकिस्तान का परमाणु बम कभी अस्तित्व में नहीं आता। सितम्बर 2023 में बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट में प्रकाशित एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियारों का भंडार है।
Home / News / परमाणु बम बनाएंगे चाहे घास खाना पड़े… पाकिस्तान आज मना रहा न्यूक्लियर टेस्ट की खुशी लेकिन कंगाल हो गया जिन्ना का देश