सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का तापमान लगातार बढ़ रहा है। पिछला महीना अब तक के रेकॉर्ड इतिहास में सबसे गर्म मई रहा है। इसके साथ ही ये लगातार 12वां महीना है जब धरती का तापमान रेकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म दर्ज किया गया है। यूरोप की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) ने ये जानकारी दी है। जलवायु पर नजर रखने वाली यूरोपीय संघ की संस्था कॉपरनिकस के नए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 12 महीनों में वैश्विक औसत तापमान 1850-1900 के पूर्व औद्योगित औसत से 1.63 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा।
फॉक्स वेदर की रिपोर्ट में सी3एस के निदेशक कार्लो बुओनटेम्पो के हवाले से कहा गया है कि ‘यह चौंकाने वाला है कि हम 12 महीने की लकीर पर पहुंच गए हैं, लेकिन यह आश्चर्यजनक नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘गर्मी का रेकॉर्ड तोड़ने वाले वाले महीनों का यह क्रम अंततः बाधित हो जाएगा, लेकिन जलवायु परिवर्तन का समग्र संकेत बना हुआ है और इस तरह की प्रवृत्ति में बदलाव का कोई संकेत नहीं दिख रहा है।’
खतरे की रेखा पार कर रही दुनिया – इसके साथ ही मई लगातार 11वां महीना भी था, जब वैश्विक औसत तापमान पूर्व औद्योगिक औसत से कम से कम 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक था। इस प्रवृत्ति के जारी रहने का मतलब होगा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन की खतरे की रेखा को पार रही है। कॉपरनिकस ने बताया है कि मई का औसत तापमान पूर्व औद्योगिक काल के औसत से 1.52 डिग्री सेल्सियस से अधिक था।
धरती पर बढ़ेगा खतरा – पर्यावरण विशेषण लंबे समय से चेतावनी देते रहे हैं कि औसत तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक वृद्धि के हानिकारक परिणाम हो सकते हैं। जैसे-जैसे धरती का तापमान बढ़ेगा, यह गर्मी अधिक वर्षा और समुद्री बर्फ के पिघलने का कारण बनेगी। इससे समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा, जिससे तटरेखाएं बदल सकती हैं और कृषि संबंधी समस्याओं के साथ हानिकारक स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने की एकजुट होने की अपील – कॉपरनिकस के आंकड़ों के जारी होने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि पिछले एक साल से कैलेंडर के हर मोड़ ने गर्मी को बढ़ाया है। गुटेरेस ने विश्व नेताओं और संस्थाओं से अगले 18 महीनों में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए जलवायु फंड को बढ़ावा देने और जीवाश्व ईंधन उद्योग पर लगाम लगाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘हमारा ग्रह हमें कुछ बताने की कोशिश कर रहा है लेकिन हम सुनते नहीं दिख रहे हैं। हम वैश्विक तापमान के रेकॉर्ड को तोड़ रहे हैं और तूफान का सामना कर रहे हैं। अब जुटने, काम करने और परिणाम देने का समय है।’
Home / News / धरती को लगातार 12वें महीने बुखार, अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज हुआ मई, क्या प्रलय का है संकेत?