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हाथियों के भी होते हैं इंसानों की तरह नाम, एक-दूसरे को बुलाने के लिए करते हैं इस्तेमाल, स्टडी में दावा


अफ्रीका के हाथी अपने बच्चों के नाम रखते हैं और एक-दूसरे को पुकारने के लिए नामों का इस्तेमाल करते हैं। ये नाम काफी हद तक इंसानों में रखे जाने वालों नामों से मिलते जुलते होते हैं। एक नई स्टडी में ये बात सामने आई है। जंगली अफ्रीकी हाथियों के बारे में ये रिसर्च नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन जर्नल में सोमवार को पब्लिश हुई है। रिसर्च कहती है कि हाथी किसी की नकल किए बिना दूसरे हाथियों को संबोधित करने के लिए व्यक्तिगत नाम जैसी कॉल करना सीखते हैं। नाम जैसी इस कॉल को पहचानते हुए ये लगातार इसका इस्तेमाल करते हैं।
एक दूसरे को बुलाने के लिए डॉल्फिन सिग्नेचर सीटी की इस्तेमाल करते हैं। तोते भी इसी तरह की खास आवाज निकालकर एक दूसरे को संबोधित करते पाए गए हैं। केन्या में अफ्रीकी हाथियों पर की गई रिसर्च के बाद कहा जा सकता है कि ये एक दूसरे को पहचानने और पुकाने में डॉल्फिन और तोतों से एक कदम आगे जा सकते हैं। हाथी एक दूसरे को बुलाने के लिए जिस खास आवाज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वो एक तरह की गड़गड़ाहट है। इस गड़गड़ाहट की तीन कैटेगरी हैं। इसमें कॉन्टैक्ट रंबल (गड़गड़ाहट) कोई हाथी तब करता है, जब उसे अपने उस साथी को बुलाना होता है, जो बहुत दूर या निगाह से बाहर होता है। दूसरा कैटगरी अभिवादन की है, इसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई अन्य हाथी काफी पास यानी छूने की दूरी पर होता है। तीसर गड़गड़ाहट केयर के लिए होती है। इस गड़गड़ाहट का का इस्तेमाल मादा हाथी उसके लिए करती है, जिस छोटे हाथी की वह देखभाल कर रही है।
एक्सपर्ट ने आवाज पर किया अध्ययन – शोधकर्ताओं ने 1986 से 2022 के बीच अंबोसेली नेशनल पार्क और सांबुरु और बफेलो स्प्रिंग्स नेशनल रिजर्व में मादा और छोटे हाथियों के जंगली समूहों की एक दूसरे को बुलाने के लिए की गई 469 आवाजों की रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया। इसके लिए एक्सपर्ट ने मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग किया, जिसमें उनको तीन प्रकार की गड़गड़ाहट मिली। इस रिसर्च के पीछे विचार यह था कि अगर आवाज में नाम जैसा कुछ होता है तो यह पता लगाया जाए कि किसे संबोधित किया गया था।
न्यूयॉर्क में कॉर्नेल विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टरल फेलो और रिसर्च के प्रमुख लेखक मिकी पार्डो के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने पाया कि हाथी उसकी आवाज की नकल नहीं कर रहे थे जिसे वे संबोधित कर रहे थे। शोधकर्ताओं ने 17 हाथियों की कॉल को प्लेबैक किया, जिससे ये पता चले कि क्या उन्होंने उन हाथियों को पहचाना और उन पर प्रतिक्रिया दी जो मूल रूप से उनके लिए थीं। पाया गया कि हाथी उस कॉल का जवाब दे रहे थे, जिनमें उन्हें संबोधित किया गया था।