
आजकल के समय में हम सभी को तेज तर्रार बच्चे अच्छे लगते हैं। लेकिन इस गुण के साथ बच्चों में बहस करने की आदत भी पड़ जाती है। बच्चों का ऐसा व्यवहार माता-पिता के लिए परेशानी का सबब बनता है। यह सच है कि बच्चे हमेशा माता-पिता की हर बात से सहमत नहीं होते। वे इस असहमति को बहस के जरिए व्यक्त करते हैं। इस कारण अक्सर माता-पिता और बच्चों के बीच जंग छिड़ जाती है और तनातनी का माहौल बन जाता है।
एक बार बच्चे को बहस करने की आदत पड़ जाए, तो वह अपने आगे किसी चलने नहीं देता। तर्क वितर्क करने वाले बच्चों के साथ व्यवहार करते समय ज्यादातर पैरेंट्स गुस्सा कंट्रोल नहीं कर पाते। अंत में तेज आवाज या फिर मारने पीटने के बाद ही बच्चा चुप होता है। लेकिन यह इस समस्या का परमानेंट सॉल्यूशन नहीं है। यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप बच्चे के साथ बातचीत को बहस में बदलने से रोक सकते हैं।
बच्चे की बात सुनें – जब माता-पिता बच्चों की हर बात को हल्के में लेते हैं, तो बच्चा मजबूती से अपनी बात रखने के लिए बहस का सहारा लेता है। उसके मन में यही शंका रहती है कि क्या पता उसकी बात सुनी जाएगी या नहीं। इसलिए अपने बच्चे की बात ध्यान से सुनें और उसकी हर बात को गंभीरता से लें।
ऑप्शन देना जरूरी – कई माता-पिता अपनी राय बच्चों पर थोप देते हैं। लेकिन हर बार बच्चे पर अपना फैसला थोपना अच्छी बात नहीं है। ऐसे में बच्चे को अपनी बात मनवाने के लिए अपनी आवाज उठानी पड़ती है और वह तर्क -वितर्क करना शुरू कर देता है। बेहतर है कि उसकी बात को नकारने के बजाय उसे एक या दो ऑप्शन दें। यह बच्चे की बहस करने की आदत को कंट्रोल करने का अच्छा तरीका है।
कारण जरूर बताएं – जब आप बच्चे की बात से सहमत नहीं है, तो उसे डांटकर चुप कराने के बजाय कारण बताएं कि ऐसा क्यों नहीं हो सकता। बच्चे कभी भी अपने माता-पिता के फैसले के पीछे के तर्क को नहीं समझते और बहस का सहारा ले लते हैं। आपका बच्चा आपके फैसले को बिना किसी बहस के मान ले, इसके लिए उसे कारण से अवगत कराना जरूरी है।
बहस का हिस्सा न बनें – यह भी बहस को रोकने का सबसे आसान तरीका है। पैरेंट़स जाने अनजाने में बच्चे की बहस का हिस्सा बन जाते हैं, जिससे दोनों के बीच में टेंशन क्रिएट होता है। बेहतर है उसे अपनी स्थिति बताएं और उस जगह से दूर चले जाएं।
नियम बनाएं – बच्चे के साथ इस पैटर्न को बदलने का एक तरीका है नियम बनाना। बच्चे के उम्र के हिसाब से नियम बनाएं और तोड़ने पर उसके परिणाम भी उसे बता दें। ध्यान रखें आपका बच्चा नियम तोड़ने के बाद बहस जरूर करेगा , इस दौरान उससे बातचीत करने से बचना ही बेहतर है।
बच्चों के लिए बहस करना अच्छा है, लेकिन अगर ये स्वस्थ तरीके से हो, तो न केवल उनमें स्किल्स डेवलप होती हैं, बल्कि यह भी जान पाते हैं कि सही होने पर वे खुद का बचाव कैसे कर सकते हैं।
Home / Lifestyle / बात- बात पर बच्चा करता है आपसे बहस, तो अपनाएं ये टिप्स, रिश्तों में तनातनी से बच जाएंगे आप
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