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पलक झपकते ही आग का गोला बने प्लेन से कैसे जिंदा बचे पायलट, राहतकर्मियों ने क्या बताया


हादसे के बाद बुधवार शाम को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने काठमांडू मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और कैप्टन के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। दुर्घटना के बाद इस बात की जांच शुरू हो गई है कि त्रासदी किस वजह से हुई। एजेंसियां हादसे की जांच कर रही हैं।
नेपाल के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बुधवार को सौर्य एयरलाइंस का विमान उड़ान भरने के दौरान हादसे का शिकार हो गया। इस प्लेन में कुल 19 लोग सवार थे। हादसा के बाद प्लेन में इतनी भीषण आग लगी कि मौके पर ही 18 लोगों की मौत हो गई। हादसे में अकेले जिंदा बचे शख्स प्लेन के पायलट कैप्टन मनीष रत्न शाक्य हैं। पायलट मनीष को आंख, सिर और चेहरे पर चोट लगने के बाद फिलहाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पायलट की जान बचने को एक चमत्कार की तरह देखा जा रहा है। हादसे की भयावहता को देखते हुए कई लोग उनकी जान बचने पर आश्चर्य जता रहे हैं क्योंकि विमान में सवार लोगों के शव इतने जल गए हैं कि कई की पहचान करने में भी दिकक्त आ रही है।
प्लेन हादसे के बाद जिंदा बचे पायलट मनीष रत्न शाक्य सौर्य एयरलाइंस में ऑपरेशन हेड हैं। 37 साल के शाक्य ने 2014 में सौर्य एयरलाइंस ज्वाइन किया था। सौर्य में आने से पहले शाक्य तीन साल तक सिमरिक एयरलाइंस में काम कर चुके थे। शाक्य ने सौर्य एयरलाइंस के विमान CRJ200 को लेकर त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से बुधवार सुबह 11 बजे उड़ान भरी। पायलट के अलावा विमान में सवार 18 लोगों में दो चालक दल के सदस्य और 17 तकनीशियन थे। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के खोज और बचाव समन्वय केंद्र के एक बयान के अनुसार उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर विमान दाईं ओर मुड़ गया और रनवे केसे टकराकर आग का गोला बन गया।