ईरान और इजरायल के बीच तनातनी इस समय चरम पर है। माना जा रहा है कि कभी भी ईरान की ओर से इजरायल ईरान पर हमला हो सकता है। इजरायल फिलहाल अपने बचाव के लिए लड़ाकू विमानों में ईंधन की व्यवस्था और एयर बैटरियों का इंतजाम के साथ अमेरिका के साथ समन्वय कर ध्यान दे रहा है। इजरायल ने इसी साल अप्रैल में अमेरिकी नेतृत्व वाले अरब गठबंधन की मदद से ईरानी हमले को विफल करने में कामयाबी हासिल थी। इसमें जॉर्डन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की अहम भूमिका रही थी। गठबंधन ने ईरान से लॉन्च किए गए 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलों में से 99 प्रतिशत को रोकने में इजरायल की सहायता की थी। अब सवाल है कि क्या फिर से इजरायल को इसी तरह की मदद मिलेगी।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल के हमले के चार महीने बाद एक बार फिर ईरान ने आक्रामक रुख दिखाया है और हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या का बदला लेने की कसम खाई है। ऐसे में सवाल है कि ईरान का हमला होने की स्थिति में इजरायल को क्या फिर से अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन का साथ मिलेगा। सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि इजरायल बीते चार महीने में क्षेत्रीय रूप से अलग-थलग हुआ है, जिसने देश की असुरक्षा को बढ़ाया है। ऐसी आशंका है कि अमेरिकी समर्थन के वादे के बावजूद इजरायल के एयर डिफेंस को दिकक्तें आ सकती हैं।
Home / News / इजरायल के लिए चार महीने में कैसे बदले हालात? इस बार ईरान के हमले में हो सकती है भारी तबाही, जानें वजह