
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साफ किया है कि नगदी की जगह डिजिटल लेन-देन को कारोबार का मुख्य आधार बनाने के कदम से सरकार पीछे नहीं हटेगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार युवा आबादी को अपना वाहक बनाएगी।
प्रधानमंत्री ने देश भर के एनसीसी कैडेटों से डिजिटल करेंसी के उपयोग को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने की बात कहते सरकार के इस इरादे को जाहिर किया। उनका कहना था कि नगद रुपये की छपाई से लेकर बैंकों में पहुंचाने पर होने वाले भारी भरकम खर्च को डिजिटल लेन-देन के जरिये बचाया जा सकता है।
नोटबंदी के बाद गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने आए देश भर के एनसीसी कैडेटों की परंपरागत रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने डिजिटल करेंसी की वकालत की। पीएम ने कहा कि नोट की छपाई के साथ बैंकों और गांव-गांव तक इसे पहुंचाने में अरबों रुपये खर्च होते हैं।
डिजिटल लेन-देन बढ़ने से नगदी का चलन कम होगा और इससे अरबों रुपए बचेंगे। इस राशि का गरीबों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास से लेकर उनकी जिंदगी को बेहतर करने के लिए उपयोग किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की 65 फीसद आबादी 35 साल से कम है और यदि युवा डिजिटल करेंसी को प्रोत्साहित करेंगे तो दुनिया में भारत की तस्वीर बदल जाएगी। देश में 13 लाख एनसीसी के कैडेट इस दिशा में बड़े बदलाव की शुरुआत कर सकते हैं। मोदी ने कैडेटों से अपने परिवार और मित्रों के साथ दुकानदारों को भी डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहित करने में बदलाव के वाहक की भूमिका निभाने को कहा।
मोदी ने कहा कि जो काम पीएम या वित्तमंत्री नहीं कर सकते वह देश की करीब 80 करोड़ की युवा आबादी कर सकती है। खासतौर से यह देखते हुए कि देश के 18 साल के ऊपर के लगभग सभी नागरिकों की “आधार कार्ड” के जरिए अपनी पहचान है। यह विशिष्ट पहचान ही हमारी योजनाओं की कामयाबी का आधार बन सकती है।
सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों और एनसीसी के प्रमुख की मौजूदगी में मोदी ने स्वच्छता अभियान में भी कैडेटों के बढ़-चढ़ कर भाग लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनसीसी में केवल परेड या कैंप की ट्रेनिंग नहीं होती बल्कि एक मिशन संस्कार का भाव पैदा होता है। इसीलिए कैडेटों को यह प्रयास करना चाहिए कि 2019 तक न केवल देश में स्वच्छता का लक्ष्य हासिल किया जा सके बल्कि लोगों में गंदगी के प्रति नफरत का भाव जगाया जाए।
वास्तव में देश राजा-महाराजाओं, शासकों या सरकारों से नहीं बल्कि नागरिकों से बनता है। इस दौरान पीएम ने देश की भाषाई, सांस्कृतिक और खान-पान की तमाम विविधता के बावजूद देश में एकता के भाव का भी जिक्र किया।
दिल्ली परेड के लिए एनसीसी में मेरा चयन नहीं हुआः मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए देश भर से आए एनसीसी कैडेटों को प्रतिभाशाली बताते हुए एनसीसी की इस परेड के लिए उनका चयन नहीं होने की बात साझा की। पीएम ने कहा कि वे भी अपने स्कूली दिनों में एनसीसी में थे मगर इतने बेहतर कैडेट नहीं थे कि दिल्ली की परेड के लिए चयन हो। पीएम ने कहा कि कैडेटों की प्रतिभा और ऊर्जा देखकर देश के बेहतर भविष्य का विश्वास कहीं गहरा हो जाता है।
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