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आठ महीने से बड़े बच्‍चे के लिए बनाएं खास ‘टिक्‍की’, शरीर में नहीं होगी आयरन और खून की कमी


अगर आपने भी अभी अपने बच्‍चे को सॉलिड फूड देना शुरू किया है और आप उसके लिए नई और अलग-अलग रेसिपी देखना चाहती हैं, तो आप खुद डॉक्‍टर की बताई आयरन से भरपूर टिक्कियां ट्राई कर सकती हैं। डॉक्‍टर ने खुद इन हेल्‍दी टिक्कियों की रेसिपी शेयर की है।
जब शिशु 6 महीने का होता है, तब उसे मां के दूध के साथ-साथ ठोस आहार देना शुरू किया जाता है। हर मां को यही चिंता रहती है कि वो किस तरह अपने बच्‍चे के आहार में ज्‍यादा से ज्‍यादा पोषक तत्‍वों को शामिल करे। बच्‍चों के विकास के लिए आयरन बहुत जरूरी होता है। पीडियाट्रिशियन डॉक्‍टर सांची रस्‍तोगी ने अपने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर के 8 महीने के शिशु के लिए आयरन रिच रेसिपी शेयर की है। आप भी अपने बेबी को यह रेसिपी दे सकते हैं। इसमें आयरन के अलावा और भी कई तरह के पोषक तत्‍व शामिल हैं जो आपके शिशु की डेवलपमेंट में मदद करेंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बच्‍चों को किस तरह से आयरन दे सकते हैं।
इसके लिए डॉक्‍टर ने कुछ मटर, आधा आलू और एक ब्रोकली का टुकड़ा लिया है। इसके बाद उन्‍होंने दोनों हरी सब्जियों को उबाल लिया और फिर ब्रोकली की उंठल को हटाकर उसे मैश कर लिया है। फिर मटर को मैश किया है। आप चाहें तो आलू को घिसकर या उबालकर डाल सकते हैं।
आगे के स्‍टेप्‍स क्‍या हैं? – इसके बाद मैश की गई सब्जियों में जीरा पाउडर और धनिया पाउडर डाला है। सारी चीजों को अच्‍छे से मिक्‍स कर के उनकी टिक्‍की तैयार कर लें। आप इन्‍हें किसी भी शेप में बना सकते हैं। अब एक पैन में घी गर्म करें और उस पर टिक्‍की को रखकर दोनों तरफ से सेक लें। इनके थोड़ा ठंडा होने पर बेबी को खिलाएं। तो चलिए अब आगे जानते हैं कि शिशु को मटर और ब्रोकली आदि से क्‍या लाभ मिलते हैं।
ब्रोकली के पोषक तत्‍व – हेल्‍थलाइनके मुताबिक ब्रोकली में न सिर्फ आयरन होता है बल्कि यह प्रोटीन, फाइबर, कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम और पोटैशियम से भी युक्‍त होती है। ये सभी पोषक तत्‍व बच्‍चे के विकास में मदद करते हैं। आयरन बच्‍चों में खून की कमी को रोकता है जिससे एनी‍मिया से बचाव होता है। वहीं फाइबर बच्‍चों में कब्‍ज होने से बचाव करता है।
शिशु के लिए मटर के फायदे – मटर खाने से बच्‍चों की इम्‍युनिटी मजबूत होती है और यह बच्‍चों के पाचन को ठीक रखकर उन्‍हें कब्‍ज से भी बचाता है। मटर खाने से बच्‍चों का वजन भी संतुलित रहता है। इससे बच्‍चों की हड्डियों को भी ताकत मिलती है।
आलू खाने से क्‍या होता है? – आलू शिशु की गैस्‍ट्राइंटेस्‍टाइनल हेल्‍थ के विकास में मदद कर सकता है। आलू एंथोसायनिन से भरपूर होते हैं, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। वे विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। इसलिए, बच्चे के आहार में आलू को शामिल करने से संक्रमण के जोखिम को दूर रखा जा सकता है। आलू में स्टार्च, विटामिन सी और कई एंजाइम होते हैं जो त्वचा की रक्षा और पोषण कर सकते हैं।